यह ध्यान रखे कि यदि भाग 3 में फैमिली पेंशनर्स की डीटेल्स मौजूद हो तब दुबारा पेंशनर्स से भाग 3 मांगने की आवश्यकता नहीं रहती है। इसके बावजूद कोषागार बेकार ही पेंशनर्स को परेशानी में डालकर फैमिली पेंशन की शुरुआत नही करते है। इसके अलावा काफी अधिक पेंशनर्स की पेंशन का संशोधन नहीं हुआ है। इन सभी बातों को देखकर यूपी कोषागार निदेशालय की ओर से एक अहम आदेश लाया गया है और ये प्रत्येक मुख्य/ वरिष्ठ कोषाधिकारी के पास पहुंचा है। ऐसे एक्शन लेने के निर्देश दे दिए है।
पेंशनभोगी संघटनो से कंप्लेंट मिली थी
ध्यान रखे कि पेंशनर्स संगठनों को काफी अधिक कंप्लेंट मिलने लगी थी कि पहले सही ही भाग 3 में फैमिली पेंशनर्स के डीटेल्स होने पर भी कोषागारो की तरफ से विभागो से फिर से भाग 3 पाने को कहा गया है।
कोषागार की मनमानी की कंप्लेंट
पेंशनर्स संगठनों ने कहा है कि भाग 3 में फैमिली पेंशनभोगी की सभी डीटेल्स होने पर भी फैमिली पेंशनर्स से, विभागो से फिर से भाग 3 पाने और तहसील से सत्यापन करवाने की प्रक्रिया हो रही है।
इन मामलों में दुबारा भाग-3 जरूरी नही
इस बारे में तारीख 12 दिसंबर 2022 को हुई मीटिंग में ये बात साफ की फाई थी कि इस तरीके के सभी मामलों जिनमे भाग 3 से जॉइंट फोटो और फैमिली पेंशनभागी के नाम/ हस्ताक्षर होने पर वहां के डिपार्टमेंट से दुबारा भाग 3 पाने और तहसीलदार से सत्यापन की जरूरत नही रहती। इस तरीके के मामलो में फैमिली पेंशनभोगी का फोटो वाली आईडी लेकर फैमिली पेंशन की पेमेंट करनी होगी।
सभी कोषागारो को गाइडलाइन दिए गए
ऐसे मामलो में यह गाइडलाइन जारी हो चुकी है कि फैमिली पेंशनर्स की डीटेल्स भाग 3 में होने पर दुबारा भाग 3 लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस कारण इस मीटिंग में स्थित किए गए मत के मुताबिक काम हो जिससे फैमिली पेंशनर्स को बेवजह की परेशानी न हो। कोषागारो को निर्देश हुए है कि भाग 3 में फैमिली पेंशनर्स के डीटेल्स होने पर भाग 3 मांगने की आवश्यकता नहीं रहती है। अब इसी के मुताबिक आगे की प्रक्रिया होगी और पेंशनर्स को बेवजह की दिक्कत न हो।
पेंशन संशोधन के कई केस लंबित
कोषागार निदेशालय की ये भी जानकारी दी है कि सातवे वेतन आयोग की संस्तुतियों के मुताबिक काफी अधिक पेंशनर्स की पेंशन संशोधित नही हुई है। इससे जुड़े शासन के आदेशों के मुताबिक पेंशनर्स की आखिरी सैलरी का नोशनल रूप से तय करके संशोधित PPO देना था। इसके बावजूद भी इस समय पेंशन रिविजन रुके है।
पेंशन संशोधन भी जल्दी करें
कोषागार निदेशालय के मुताबिक ऐसे मामलो की पहचान हो और इसमें लोकल पेंशनर्स संगठनों से हेल्प ले। पेंशनर्स/ फैमिली पेंशनर्स या पेंशनर्स संगठनों से इन मामलों की सूचना मिलने पर संबंधित व्यक्ति की फाइल से वेरिफिकेशन करके विभाग को पेंशन संशोधन का लेटर भेजे। साथ ही PPO निर्गतकर्ता प्राधिकारी को लेटर की कॉपी भेजी जाए।