बीते दिनों में केंद्र सरकार से सेवानिवृत हुए पेंशनभोगी श्री रामनारायण सिंह की तरफ से भेजी गई कम्युटेशन बहाली की कंप्लेंट को लेकर सरकारी की तरफ से पत्र मिला है। इस मामले में काफी सारे पेंशनधारी भी जानने को इच्छुक है कि उनको अब क्या करना चाहिए। आज के लेख में आप कम्युटेशन और बहाली (Restoration) के प्रोसेस को विस्तारपूर्वक समझने वाले है और सरकार की तरफ से दिए उत्तर को भी बताएंगे।
कम्युटेशन और बहाली का मतलब
कॉम्यूटेशन का अर्थ है कि जिस समय कोई कर्मचारी सेवानिवृत होता है तो वो अपनी पेंशन का 40 फीसदी भाग बेच सकेगा और इसके एवज इन एक बार में रकम को पा सकता है। यह मात्रा रक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों के लिए 50 फीसदी रखी है। फिर इस भाग की कटौती को हर माह की पेंशन से करते है जोकि 15 सालो तक चलता है। 15 सालो के बाद पूरी पेंशन को बहाल कर देते है। यही बहाली या पुनर्स्थापन कहलाता है।
सरकार का पेंशनभोगियों के लिए जवाब
- अपनी स्थिति का आकलन करना : पेंशनभोगियों को यह देखना होगा कि उनकी पोजिशन किसमे आ रही है – रिटायरमेंट के समय कम्युटेशन, सेवानिवृत्ति के बाद कम्युटेशन या किस्तों में कम्युटेशन। इसके मुताबिक 15 सालो के टाइमपीरियड का इंतजार करना पड़ेगा।
- दस्तावेजों की चेकिंग करना : पेंशन स्लिप, कम्युटेशन के दस्तावेज, PPO और पेंशन विभाग से हुए पत्राचार की चेकिंग करना। यह कर्मी की स्थिति क्लियर कर देगा।
- पेंशन विभाग से कांटेक्ट करना : अगर स्थिति साफ न होती हो तो पेंशन विभाग से संपर्क करके बहाली की तारीख की पुष्टि करें।
- कानूनी सलाह लें: अगर मामला जटिल हो जाए तो कानूनी जानकार या पेंशन परामर्शदाता से सलाह लें।
अगर आप सही टाइम पर बहाली के योग्य हो तो आप पूरी पेंशन को शीघ्रता से बहाल कर सकेंगे। अन्यथा इससे जुड़े डिपार्टमेंट से क्लियरेंस हासिल करें और इसके मुताबिक जरूरी एक्शन ले।
पेंशनभोगियों के लिए जरूरी बात
श्री रामनारायण सिंह की कंप्लेंट से यह साफ होता है कि कम्यूटेशन बहाली का प्रोसेस एकदम से 15 सालो के टाइमपीरियड के ऊपर डिपेंड करना है। पेंशनभोगी को उसकी पोजिशन के आंकलन के बाद उपर्युक्त प्रतिक्रिया करने की जरूरत है जिससे वो अपने अधिकार से वंचित न रह जाए।