जानिए Air Defence System कैसे बचाता है देश को – दुश्मन की मिसाइल भी पहुंच नहीं पाती पास!

भारत का एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन की मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट को आसमान में ही खत्म कर देता है। कैसे काम करता है यह बुलेट से भी तेज़ सुरक्षा कवच? पढ़िए वो राज़ जो हर भारतीय को जानना चाहिए!

By allstaffnews@admin
Published on
जानिए Air Defence System कैसे बचाता है देश को – दुश्मन की मिसाइल भी पहुंच नहीं पाती पास!
जानिए Air Defence System कैसे बचाता है देश को – दुश्मन की मिसाइल भी पहुंच नहीं पाती पास!

Indian Air Defence System किसी भी देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक तंत्र है। आधुनिक युद्ध की रणनीति में अब केवल थल या जल सीमाएं नहीं, बल्कि वायुसीमा पर नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण बन गया है। इसी कड़ी में भारत ने हाल ही में अपने शक्तिशाली एयर डिफेंस नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमलों को पूरी तरह से विफल कर एक मिसाल कायम की है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और इसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई में Indian Air Defence System की भूमिका निर्णायक रही।

एयर डिफेंस सिस्टम: राष्ट्र की वायु सुरक्षा की पहली दीवार

एयर डिफेंस सिस्टम वह प्रणाली है, जो दुश्मन की ओर से किए गए किसी भी हवाई हमले को समय रहते पहचानता है, उसे ट्रैक करता है और फिर उसे निष्क्रिय करने के लिए जवाबी कदम उठाता है। इसमें मुख्यतः रडार नेटवर्क, कंट्रोल सेंटर, फाइटर जेट्स, मिसाइल डिफेंस यूनिट्स, आर्टिलरी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम शामिल होते हैं। इन सभी की संयुक्त क्रियाशीलता ही देश को हवाई हमलों से बचाती है।

ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय जवाब

हाल ही में हुए घटनाक्रम में Indian Air Defence System की दक्षता देखने को मिली। भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के 15 प्रमुख शहरों को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस नेटवर्क ने इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया।

गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान के लाहौर समेत कई स्थानों पर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि यह जवाबी कार्रवाई उतनी ही तीव्रता और सटीकता के साथ की गई, जितनी आक्रामकता पाकिस्तान द्वारा दिखाई गई थी।

कैसे काम करता है एयर डिफेंस सिस्टम?

डिटेक्शन (खतरे का पता लगाना) एयर डिफेंस सिस्टम की सबसे पहली और अहम प्रक्रिया है खतरे का समय रहते पता लगाना। इसके लिए रडार नेटवर्क का उपयोग किया जाता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स को हवा में छोड़ता है। जब ये तरंगें किसी वस्तु से टकराकर लौटती हैं, तो सिस्टम उस वस्तु की दूरी, गति और प्रकार का विश्लेषण करता है। अगर खतरा अत्यधिक दूर हो, जैसे कि इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), तो सैटेलाइट डिटेक्शन का भी सहारा लिया जाता है।

ट्रैकिंग (निगरानी बनाए रखना) खतरे की पहचान के बाद अगला महत्वपूर्ण कदम होता है उस पर लगातार निगरानी बनाए रखना। यह कार्य उन्नत रडार, इंफ्रारेड कैमरे और लेज़र रेंजफाइंडर जैसे उपकरणों की सहायता से किया जाता है। जब कई हवाई खतरों जैसे ड्रोन, फाइटर जेट और क्रूज़ मिसाइल एक साथ आते हैं, तो सिस्टम को सटीक पहचान और ट्रैकिंग करनी होती है ताकि गलती से कोई नागरिक विमान निशाना न बन जाए।

Latest NewsLand Scam Alert: ज़मीन खरीदने जा रहे हैं? ये 4 गलतियाँ आपकी ज़िंदगीभर की कमाई लुटा सकती हैं!

Land Scam Alert: ज़मीन खरीदने जा रहे हैं? ये 4 गलतियाँ आपकी ज़िंदगीभर की कमाई लुटा सकती हैं!

इंटरसेप्शन (निष्क्रिय करना) जब किसी खतरे की पूरी जानकारी मिल जाती है, तब उसे निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए खतरे की प्रकृति जैसे कि वह फाइटर जेट है, ड्रोन है या मिसाइल, की पहचान करना आवश्यक होता है। इसके आधार पर तय होता है कि कौन-सा हथियार या सिस्टम उपयोग में लाया जाएगा। उदाहरण के लिए, कम ऊंचाई पर उड़ते ड्रोन के लिए अलग तकनीक होगी, जबकि तेज गति वाली मिसाइल के लिए अलग।

S-400: भारत का ताकतवर हथियार इस पूरे घटनाक्रम में भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने विशेष भूमिका निभाई। रूस से प्राप्त इस आधुनिक प्रणाली की क्षमता इतनी अधिक है कि यह 400 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को नष्ट कर सकती है, और वह भी बेहद उच्च सटीकता के साथ। पाकिस्तान के तीन एयर डिफेंस सिस्टम को इसी S-400 के माध्यम से निष्क्रिय किया गया, जिससे भारत की रणनीतिक बढ़त और भी मजबूत हो गई।

क्यों जरूरी है एयर डिफेंस सिस्टम?

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश के लिए एयर डिफेंस सिस्टम केवल एक सैन्य उपकरण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है। यह न केवल दुश्मन के हमलों को रोकता है, बल्कि जरूरत पड़ने पर प्रतिरोधात्मक कार्रवाई की क्षमता भी देता है। इससे न केवल हवाई सीमाओं की सुरक्षा होती है, बल्कि शांति की स्थिति भी बनाए रखने में मदद मिलती है।

वायु शक्ति ही भविष्य की निर्णायक शक्ति

आधुनिक युद्ध में वायु नियंत्रण का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। Indian Air Defence System न केवल तकनीकी रूप से अत्याधुनिक है, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी एक प्रभावशाली ढांचा प्रदान करता है। हाल की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में वही देश सुरक्षित रह पाएगा, जिसकी वायु सुरक्षा प्रणाली मजबूत, तेज और सटीक होगी।

Latest NewsATM का ये सीक्रेट हैक सच है या अफवाह? दो बार 'Cancel' दबाने से बच सकता है पिन चोरी? सच जानकर चौंक जाएंगे!

ATM का ये सीक्रेट हैक सच है या अफवाह? दो बार 'Cancel' दबाने से बच सकता है पिन चोरी? सच जानकर चौंक जाएंगे!

Leave a Comment