नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के लाखों पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आ सकती है। सरकार वर्तमान न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह महत्वपूर्ण फैसला श्रम मंत्रालय की आगामी बैठक में लिया जा सकता है, जिससे पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिल सकती है।
पेंशनभोगियों की लंबे समय से मांग
कई वर्षों से EPFO के पेंशनर्स न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। मौजूदा 1,000 रुपये की पेंशन कई पेंशनभोगियों के लिए पर्याप्त नहीं है, जिससे उनका जीवन यापन मुश्किल हो जाता है। मार्च 2021 में संसद की स्थायी समिति ने भी न्यूनतम पेंशन को 3,000 रुपये करने की सिफारिश की थी, लेकिन अब सरकार इसे सीधे 9,000 रुपये तक बढ़ाने पर विचार कर रही है।
बैठक में चर्चा के महत्वपूर्ण मुद्दे
श्रम मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, पेंशनभोगियों की मांग के अनुसार, न्यूनतम पेंशन को 9,000 रुपये करने पर विचार किया जाएगा। साथ ही इस बैठक में नया वेज कोड बनाने पर भी चर्चा की जाएगी, जिससे कई कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव आ सकता है।
पेंशन की गणना पर पुनर्विचार
बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण सुझाव पर भी विचार किया जा सकता है, जिसमें पेंशन की गणना कर्मचारी के सेवानिवृत्ति से ठीक पहले के अंतिम वेतन के आधार पर करने की बात कही गई है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है, तो यह पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
पेंशनभोगियों के लिए राहत की उम्मीद
सरकार के इस कदम से पेंशनभोगियों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा और वे आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। श्रम मंत्रालय की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, और इसके बाद इस योजना के लागू होने की संभावनाओं पर ध्यान दिया जाएगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस योजना को कब तक लागू किया जाता है और इसका लाभ कितने पेंशनभोगियों तक पहुंचता है। सरकार की इस पहल से पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए निश्चित रूप से एक बड़ा बदलाव आ सकता है।