देशभर के कर्मचारियों में भारत सरकार की तरफ से लाए हुए नई पेंशन योजना “यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS)” को लेकर काफी रोष दिख रहा है। 24 अगस्त के दिन ही यह नई पेंशन योजना स्वीकृत हुई है जोकि 25 सालो की नौकरी पूर्ण कर लेने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी पेंशन दे रही है। यह स्कीम सेवानिवृति के पूर्व आखिर 12 महीने की एवरेज सैलरी को मिनिमम 50% पेंशन की तरफ से देगी। साथ ही 10 सालो की सर्विस को पूर्ण कर लेने वाले कर्मी भी मिनिमम 10,000 रुपए की पेंशन मिलेगी।
कर्मचारी संगठनों का विरोध
सरकार की तरफ से UPS के आने पर ही कर्मचारियों के संगठन नाराजगी प्रदर्शित करने लगे। इनके मुताबिक, ऐसे सरकार ने कर्मियों के साथ धोखा दिया है और वो इसको किसी दशा में नहीं स्वीकारेंगे। अब पूर्व में पुरानी पेंशन योजना को लेकर आंदोलन कर चुके कर्मचारी फिर से आंदोलन करने की तैयारी में है।
“नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत” के राष्ट्रध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि सरकार UPS को लाकर कर्मियों के साथ छल कर रही है। उनके अनुसार चाहे सरकार ने अपने अंशदान को 14 फीसदी से 18.5 फीसदी किया हो किंतु उन लोगो की डिमांड सेवानिवृति पर मूल वेतन और DA के समान 50 फीसदी पेंशन की थी। वो अंशदान में बदलाव की डिमांड नही कर रहे थे।
कर्मियों की डिमांड और आंदोलन की तैयारी
डॉ पटेल कहते है कि कर्मियों की अन्य डिमांड है कि उनको पैसे, एकदम GPF की ही जैसे सेवानिवृति पर मिल जाए। किंतु सरकार UPS में कर्मियों का 10 फीसदी और अपने 18.5 फीस अंशदान लेगी और सिर्फ 6 माह के वेतन की रकम देगी। इस दशा में UPS से अच्छा NPS रहेगा। यहां UPS में OPS जैसे प्रावधान नहीं है तो कर्मी आंदोलन करते रहेंगे।
“कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंड वर्कर्स” महासचिव एसबी यादव साफ करते है कि कर्मी सिर्फ OPS चाहते है और UPS किसी दशा में स्वीकार नहीं है। वे शीघ्र ही मीटिंग में आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ और NMOPS के रिएक्शन
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) UPS के विरुद्ध पीएम मोदी और JCM प्रतिनिधियों की मीटिंग का बहिष्कार हुआ। चूंकि सरकार OPS पर कोई पॉजिटिव रिएक्शन नहीं दे रही थी। NMOPS के राष्ट्रध्यक्ष और अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु का कहना है कि अगर सरकार NPS से UPS का विकल्प दे रही है तो OPS देने में क्या परेशानी है?
उनके अनुसार, मूल वतन का 50 फीसदी अगर UPS में मिलता हो तो OPS में इसको दे सकते है और नाम चेंज होने से स्कीम नही बदलेगी। असलियत में OPS ही कर्मियों का सामाजिक कवच है जोकि बुढ़ापे की लाठी है। भारत के करोड़ों कमरी केवल OPS मांग रहे है।