काफी समय से लंबित पेंशनर्स की अहम डिमांड पूरी होने वाली है। अब सरकार के पास पेंशनर्स की तरफ से कम्युटेशन बहाली के टाइमपीरियड को 15 सालो से कम करके 12 सालो का करने का प्रपोजल पहुंचा है। इस डिमांड को काफी सालो से पेंशनर्स के संघ करते आ रहे है। पीएम मोदी को दिए गए इस प्रपोजल में JCM स्टाफ साइड सचिव शिव गोपाल मिश्रा की तरफ से पेंशनर्स से जुड़े प्रत्येक मुद्दे की जानकारी दी है। सभी मामलों में बड़ी डिमांड है कि कम्युटेशन बहाली का टाइमपीरियड 15 सालो से 12 साल कर दिया जाए।
यहां यह जान लें कि राष्ट्रीय परिषद JCM की तरफ से पेंशनर्स की सभी डिमांड को भारत सरकार के सामने रखी जाती है। इस प्लेटफार्म से पेंशनर्स के मामले डायरेक्ट कैबिनेट सचित के लेवल पर पहुंचते है। यूनियन के अधिकांश मुद्दों को भी सरकार स्वीकृति दे देती है। यूनियन सचिव शिवगोयल मिश्रा कहते है कि राष्ट्रीय परिषद (JCM) सचिव होने पर उनका कर्तव्य है कि वो पेंशनर्स के इन मामलों को गंभीर होकर सरकार के सामने रखे।
कम्युटेशन क्या होता है?
केंद्र सरकार के कर्मचारी को सेवानिवृति के वक्त उसकी पेंशन के 40 फीसदी भाग को बेचने का ऑप्शन मिलता है। इसकी एवज में सरकार कर्मी को एक बार में ही पैसों की पेमेंट कर देती है और इस रकम की वसूली का काम हर महीने की पेंशन से होता रहता है। इस कटौती का काम 15 सालो तक रहता हैवी मतलब कम्युटेशन से सरकारी कर्मी को एकमुश्त पैसे लेने का मौका है। किंतु उनकी पेंशन से भी 15 सालो तक कटौती होती रहती है।
अपनी सेवानिवृति के 1 वर्ष के अंदर ही कम्युटेशन करने का ऑप्शन चुनने पर कर्मी को किसी मेडिकल टेस्ट नही देना पड़ता है। हालाकि 1 वर्ष के बाद मेडिकल टेस्ट देना जरूरी हो जाता है।
हाईकोर्ट से रिकवरी पर रोक लगी
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का निर्णय आने पर पेंशनर्स को उनके अधिकार जानकारी में आने लगे है। यहां यह जान ले कि हाईकोर्ट का कहना था कि कम्युटेशन की रिकवरी का काम 11 वर्ष 6 माह में पूर्ण हो जाता है तब 15 सालो तक रिकवरी करने का प्रश्न नहीं रहता है। इसके बाद हाईकोर्ट की तरफ इस रिकवरी पर स्टे लगाया गया था। फिर हरियाणा के वित्त विभाग की ओर से पेंशनर्स की रिकवरी पर रोक लगी थी।
पेंशनभोगियों को अधिकार मिले
इसके बाद काफी अदालतों की तरफ से पेंशनर्स ने इसके ऊपर स्टे लेकर उनकी रिकवरी को बंद करवाया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय परिषद JCM स्टाफ साइड सचिव शिव गोपाल मिश्रा की तरफ से ये डिमांड प्रमुखता से सरकार के सामने रखा। अब सरकार की तरफ से ये डिमांड पूरी होने की उम्मीद भी पेंशनर्स को दिखने लगे है। भारत सरकार भी इस मामले पर गंभीर होकर इस पर सर्वसामान्य आदेश घोषित करें जिससे पेंशनर्स के साथ सही न्याय हो पाए।
दूसरे मामलों को भी उठाया
इसके अलावा भी स्टाफ साइड की ओर से काफी अन्य मामलों के भी प्रपोजल सरकार के समक्ष पेश हुए है। इनमे पेंशनर्स की पेंशन को टैक्स फ्री करना और सीनियर सिटीजन को रेलवे के किराए में छूट देने की मांगे है। इन जैसी बड़ी डिमांड को भी भारत सरकार के सामने रखा गया है।