पेंशनर्स और उनके परिजन के साथ CGHS वेलनेस सेंटर/ डिस्पेंसरी में उपचार या दवाई लेने लेते समय स्टाफ और चिकित्सक दुर्व्यवहार करते है। इन घटनाओं के बार-बार होने पर सरकार ने कुछ गाइडलाइन जारी किए है।
पहला केस
एक बूढ़े पेंशनर्स का बेटा दवा लेने को सुबह 10 बजे CGHS वेलनेस सेंटर/ डिस्पेंसरी गया। लाइन में लगे होने पर नंबर आने पर कर्मी फोन पर बाते करने लगा। फिर वो निकलने लगा तो पेंशनर के बेटे ने काम करने को कहा तो दूसरे कर्मी ने चुप रहने की धमकी दी। किंतु दूसरे स्टाफ के काम को करने पर बेटे के टोकने पर वह कर्मी झल्लाकर स्टाफ को प्राथमिकता देने को कहने लगा।
दूसरा केस
एक और बूढ़े पेंशनभोगी को अपने रेफरल लेटर पर सिर्फ सील लगवानी थी। वो निवेदन करते रहे किंतु कर्मी कंप्यूटर पर गेम खेल रहा था। 2-3 बार कहने पर कर्मी ने सील लगाकर लेटर को पेंशनर्स के मुंह पर मारकर वापस दिया। फिर से गेम खेलने लगा।
बुढ़ापे में गाली सुनने की मजबूरी
ऐसे मामले आम बात हो चुकी है और जिंदगीभर सरकारी की सेवा करने पर भी इस उम्र में वो गाली सुन रहे है। CGHS वेलनेस सेंटर के कर्मी धमकी देने के साथ ही पेंशनर्स के परिवारवालों को भी गाली देते है। ये सभी घटना निंदायोग्य है और कर्मी के विरुद्ध एक्शन होना चाहिए।
केंद्र सरकार के आदेश आए
सरकार के पास ऐसी कंप्लेंट जाने पर वो आदेश तो जारी कर रहे है किंतु ठीक से समाधान नहीं हो रहा है। इससे पूर्व भी सरकार का आदेश था कि किसी भी CGHS वेलनेस सेंटर के कर्मचारी, बूढ़े पेंशनर्स और उनके परिवजनो से ठीक से बर्ताव करें। आदरपूर्वक उनकी दिक्कतों का हल दें अन्यथा समुचित कार्यवाही होगी। इसके बावजूद ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण मामले देखे जाते है।
केंद्र सरकार ने दिशा-निर्देश दिए
केंद्र सरकार की तरफ से CGHS वेलनेस सेंटर/ डिस्पेंसरी को लेकर कुछ दिशा-निर्देश दिए गए है। इन दिशा-निर्देश को प्रत्येक पेंशनर्स और उनके परिजनों को अच्छे से जान लेना चाहिए। तभी इस प्रकार की दुर्घटना के शिकार होने पर सही कार्यवाही हो सकेगी।
- सरकारी कार्यालय के टाइम में सरकारी कंप्यूटर पर गेम नही खेल सकते है। इस मामले में अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी।
- CGHS वेलनेस सेंटर के कर्मी किसी भी तरीके की धमकी या गाली पेंशनर्स को नहीं देंगे। उनकी ड्यूटी पेंशनर्स की बाते सुनकर उनकी सहायता करना है। ऐसे मामले में कंप्लेंट आने पर सख्ती से कार्यवाही होगी।
- CGHS वेलनेस सेंटर और डिस्पेंसरी में पेंशनर्स और इनके परिवार वालो को प्राथमिकता मिलेगी। अपने स्टॉफ को प्राथमिकता देना किसी तरीके से ठीक नही है।
- वहां मौजूद पेंशनर्स या परिवार वाले को छोड़कर किसी स्टाफ के व्यक्ति को पहले दवाई नही दे सकते है। स्टाफ को भी नंबर लगाकर या काउंटर खाली होने पर दवा मिलेगी।