साल 2004 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई के मंत्रिमंडल में नई पेंशन योजना (NPS) लाई गई थी। तब इसमें कर्मियों के अंशदान को जरूरी किया था। इसमें सरकार और कर्मचारी एक जैसा 10% का अंशदान करने वाले थे। साल 2019 में सरकार के अंशदान को मूल वेतन और DA 14% किया गया।
नई नियम में सेवानिवृति पर कर्मी अपनी कुल रकम का 60% निकाल पाएंगे और बचे 40% को पब्लिक सेक्शन के बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन एवं प्राइवेट कंपनी की तरफ से प्रमोट हुए पेंशन फंड मैनेजर की कई योजना में निवेश करना जरूरी हो गया है।
कुछ कर्मियों को कम पेंशन
इन प्रावधान पर सरकारी कर्मचारी यूनियन कहते है कि जिस समय NPS लागू हुई तो इसको OPS से अच्छा कहा था। किंतु साल 2004 के बाद ज्वाइन हो रहे लोगो को काफी कम पेंशन मिलती है। साथ ही कर्मी अपना अंशदान भी दे रहे है वही OPS में पेंशन सरकार की तरफ से मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा स्कीम पर पूर्णतया डिपेंड थी। UPS में कर्मी को उसके अंशदान की निकासी पर साफ जानकारी नहीं है।
ट्रेड यूनियनों का पक्ष
भारत की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन के मंच में रहने वाली सीटू के जनरल सेक्रेटरी तपन सेन कहते है कि इस बात पर सरकार ने उनसे कोई सलाह मशविरा नही किया है। उनके मुताबिक, अधिकतर कर्मचारी संगठन सरकार से OPS में बदलाव किए बगैर ही उनकी बहाली करने पर बल दे रहे थे। इस पर बातचीत को लेकर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
इस मामले पर विशेषज्ञों का पक्ष
जानकारी की राय में नई पेंशन योजना को सरकार पेंशन बिल को बैलेंस करने को लाई थी। NPS में कर्मी की सेविंग का एक भाग शेयर बाजार में लगेगा जिससे रिटर्न में “उतार-चढ़ाव” आएगा। NPS चुनकर रिटायर होने वाले कर्मी कहते है कि कभी उनकी पेंशन 100 रहती है तो कभी 120 रुपए। NPS को लेकर विजय कुमार बंधु बताते है कि बनारस के कॉलेज से प्राचार्य के पद से रिटायर होने पर उनका वेतन 1.5 लाख रुपए था किंतु उनको 4,044 रुपए पेंशन मिली।
OPS पेंशन की बहाली की डिमांड
हिमाचल प्रदेश में पहली बार OPS (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली हुई थी। साल 2022 में कांग्रेस के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको जारी किया। अभी कर्मी इससे खुश हो किंतु बाद की सरकारों पर पेंशन के बिल को वहन करना होगा।
सरकार का पेंशन पर पक्ष
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विन वैष्णव इस स्कीम को कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा देने में सरकार की प्रतिबद्धता का नमूना कहते है। प्रदेश सरकारों के वो 90 लाख कर्मी फायदा लेने जोकि NPS को चुन चुके है। अभी के और बाद के कर्मी NPS और UPS के ऑप्शन चुन पाएंगे। साथ ही UPS में मिनिमम 10 सालो की सर्विस पर 10 हजार रुपए पेंशन की गारंटी होगी।