केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को UPS पेंशन योजना का फायदा देने की तैयारी कर रही है। किंतु इसी बीच प्रोवेट जॉब करने वाले कर्मी ने भी अपनी डिमांड रखी है। वे कहते है कि उनको भी रिटायर होने पर एक तय पेंशन का लाभ मिले। वर्तमान समय में प्राइवेट जॉब करने वाले लोग कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) के अंतर्गत आ रहे है। किंतु वो भी अपनी पेंशन में वृद्धि के मांग करने लगे है। प्राइवेट जॉब वालो को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के अंतर्गत मिनिमम पेंशन मिल रही है।
संगठन पेंशन बढ़ाने का पक्षधर
बीते दिनों चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के तरफ से केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया को चिट्ठी के द्वारा न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की डिमांड रखी गई है। संगठन के मुताबिक, प्राइवेट जॉब करने वालो को मिनिमम 9 हजार रुपए की पेंशन मिले। EPS में देश के लगभग 75 लाख कर्मी आते है। संगठन के अनुसार, अभी नई पेंशन स्कीम UPS का फायदा 23 लाख कर्मियों को मिलने वाला है। किंतु अब सरकार को EPS 95 के अंतर्गत प्राइवेट जॉब करने वालो का भी सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष मांग रखेंगे
चेन्नई के संगठन की डिमांड है कि इस पेंशन के मामले को पीएम मोदी के बीच वार्ता के लिए ले जाना चाहिए। पूर्व में भी जुलाई माह में EPS 95 को नेशनल एगिटेशन कमेटी ने दिल्ली में प्रदर्शन करके न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपए करवाने की बात कही थी। महाराष्ट्र का यह संगठन लगभग 78 लाख रिटायर पेनसोनभोगियो को जोड़ता है और इसमें देशभर के औद्योगिक क्षेत्र के 7.5 करोड़ कर्मी भी जुड़े है।
अभी मिनिमम पेंशन की स्थिति
केंद्र सरकार EPS 1995 के अंतर्गत वर्ष 2014 में मिनिमम पेंशन को 1 हजार रुपए निश्चित कर चुकी है। इसमें श्रम मंत्रालय की तरफ से वित्त मंत्रालय को एक प्रपोजल के द्वारा मिनिमम पेंशन को 2 हजार रुपए तक करने की डिमांड भेजी गई थी। किंतु वित्त मंत्रालय ने इस प्रपोजल को मंजूरी नहीं दी है।
EPS पेंशन के फॉर्मूले को जाने
इस समय पर EPS में मिल रही पेंशन को तय करने का एक फार्मूला है। इसके अंतर्गत कर्मी के मूल वेतन को नौकरी के समय से गुना करके 70 से भाग देना होता है। जैसे किसी कर्मी का मूल वेतन 50,000 रुपए हो और वो 30 सालो की जॉब कर चुका है। इस प्रकार से इनके गुना का परिणाम 15,00,000 होगा और इसको 70 से भाग देने पर 21,428 रुपए की पेंशन आती है।
EPS पेंशन में अंशदान
EPF खाते में कर्मी के मूल वेतन का 12% और नियोक्ता के द्वारा भी 12% डाला जाता है। नियोक्ता के हिस्से से 8.33% EPS में जाता है और बाकी 3.67% कर्मी के PF अकाउंट में जाता है। 12% काटने का नियम न्यूनतम 15,000 रुपए के वेतन से शुरू होता है।