हिमाचल सरकार पर दिन प्रतिदिन परेशानी बढ़ती जा रही है चूंकि एक तरफ उन पर आर्थिक बोझ बढ़ने में लगा है दूसरी तरफ अपने कर्मी भी नाराज होने में लगे है। सरकार की फसलों को भी मना कर रहे है और इसके लिए विरोध जारी है। जिला कांगड़ा पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पेंशनर्स की तरफ से काफी बार पेंशन न देने के विरोध में रैलियों का आयोजन भी हुआ है। इन रैलियों का अगुवाई प्रदेश के शीर्ष उपाध्यक्ष और जिला कांगड़ा के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर कर रहे थे।
इस बीच पेंशनभोगियों की तरफ से सरकार को साफ अलर्ट मिला है कि 10 तारीख को अगर पेंशन न दी जाती है और हर महीने की पहली तारीख में पेंशन देने का ऐलान नहीं होता है। तब वो लोग सरकार के विरोध में बड़े आंदोलन को करने से नहीं रुकेंगे और इस बात के लिए सरकार ही जिम्मेदार रहेगी। इसी समय पर पेंशनभोगियों ने जिले के प्रशासन के द्वारा अपनी डिमांड की चिट्ठी भी भेजी।
रैली से पहले मीटिंग भी की गई
रैली में पूर्व जोधमल सराय में जिला कांगड़ा के पेशनभोगियो की मीटिंग भी हुई और इसमें वर्तमान के हालात और पेंशनभोगियों की डिमांड को लेकर वार्ता की गई। इस मीटिंग में जिले के 15 खंडों और नगरीय इकाइयों के प्रधान, महासचिव और पदाधिकारी के साथ मेंबर्स भी सम्मिलित हुए। इस मीटिंग को धर्मशाला शहरी इकाई के प्रधान प्रदीप वालिया, धर्मशाला ब्लॉक इकाई के प्रधान जीएस डढवाल, रविंद्र राणा अतिरिक्त महासचिव एवं जिला कांगड़ा के महासचिव सेठ राम ने भी संबोधन दिया।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष का पक्ष
प्रदेश के उपाध्यक्ष सुरेश ठाकुर कहते है कि मीटिंग में पेंशनभोगियों को अब तक अगस्त माह की पेंशन का भुगतान नहीं होने पर अपनी नाराजगी प्रदर्शित की है। दूसरी तरफ पेंशनर्स की बची हुई डिमांड पर भी 15 सितंबर से पहले मानने के बारे में सरकार से अनुरोध हुआ है। अगर सरकार इस तरह से नहीं करेगी तो पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश की तरफ से राज्य स्तर पर में प्रत्येक जिले के मुख्यालय में पेंशनभोगियों के धरने प्रदर्शन होंगे। इसके बाद इस बार पर आंदोलन को करने पर भी खाका तैयार होगा।
सरकार की परेशानियों में इजाफा हुआ
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से ये निर्णय हुआ था कि जो भी वर्किंग क्लास के होंगे उनको 5 तारीख में सैलरी मिलेगी और पेंशनभोगियों को 10 तारीख में पेंशन का भुगतान होगा। ऐसे उनकी सरकार को टैक्स की एक राशि को बचाने से राज्य की आर्थिक पोजीशन में मजबूती लाने की बात कहते हुए देखा गया था। किंतु सरकार के लिए उनका ये निर्णय मुसीबत की वजह बनने लगा है। इस बात की वजह पेंशनर्स का फैसले से नाराज होना है।