छत्तीसगढ़ राज्य में बुधवार के दिन “छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन” की तरफ से शासकीय सेवकों को तय तारीख पर महंगाई भत्ते, बकाया एरियर आदि मामले का समाधान करने की डिमांड पर एक मशाल रैली निकाली गई। यह रैली शिक्षा विभाग से निकालकर अधिकारी और कर्मचारी कलेक्ट्रेट के ऑफिस तक पहुंची। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर को राज्य के सीएम के नाम से ज्ञापन दिया गया।
फेडरेशन ने 4 सूत्रीय मांगो को सौंपा
संघ के टेकराम सेन का कहना है कि उनकी तरफ से इसी साल 6 अगस्त के दिन रायपुर के कलेक्टर के द्वारा सीएम और सचिव के नाम पर ज्ञापन दिया गया था। तब फेडरेशन ने इसमें 4 सूत्रीय मांगे दी थी। इसके बाद दूसरे फेज के आंदोलन में 20 से 30 अगस्त के बीच विधायक और सांसदों के पास भी इन्ही मांगो के ज्ञापन को भी दिया गया।
सरकार की तरफ से राज्य के कर्मियों को मोदी की गारंटी के अंतर्गत कई मांगों के बारे में फेडरेशन ने सरकार और प्रशासन से पत्राचार जारी रखा। किंतु फिर सरकार की तरफ से कोई प्रयास नहीं हुए।
केंद्र जैसी सुविधाओ की मांग रखी
वे बताते है कि उनकी मुख्य मांगो में केंद्र के जैसे घर का किराया देना शामिल है। बीजेपी के मेनिफेस्टो में राज्य के शासकीय सेवको को 4 स्तरीय समयमान पे बैंड मिले और मेनिफेस्टो के मुताबिक, राज्य के कर्मियों को केंद्र के बराबर महंगाई भत्ते (DA) को 1 जनवरी 2024 से मिले। साथ ही राज्य के कर्मियों को जुलाई 2019 से बकाया तारीख के महंगाई भत्ते का एरियर की रकम को GPF अकाउंट में एडजस्ट करने की डिमांड है।
मांगे न मानने पर हड़ताल पर जाएंगे
फेडरेशन का कहना है कि बीजेपी के मेनिफेस्टो के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार के जैसे राज्य के शासकीय सेवकों को मिली छुट्टी के नकदीकरण को 240 दिनों की जगह पर 300 दिनों का करे। मांगो को न माने जाने पर सामुहिक छुट्टी लेने के बाद कलम बंद, काम बंद हड़ताल, जिले में समुहित धरने-प्रदर्शनों को करेंगे।
27 सितंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन होगा
टेकराम कहते है कि यदि हमारी मांगों पर 27 सितंबर तक पॉजिटिव प्रयास न होने पर संघ अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जायेगा। इस मौके पर चिन्ताराम साहू, एसपी ध्रुव, जगदीश साहू, मुकेश नामदेव, चन्द्रभान साहू, तृप्ति साहू, अनिल ढीढी, कुबेर सिंह साहू, राजेश शर्मा, सरिता तिवारी, विजयलक्ष्मी चंद्राकर, अविनाश लाल, आत्माराम साहू, मनीष श्रीवास्तव, राकेश थवाईत, सरस्वती साहू, अशोक साहू, ईश्वर चंद्राकर समेत कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपस्थिति दर्ज की।
पहले भी 112 दिनों की हड़ताल
इसे पूर्व में भी छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संज्ञान में प्रदेश के 112 संगठन 12 दिन तक अनिश्चितकालीन हड़ताल कर चुके है। तब उनके प्रदर्शन से सचिवालय, मिनिस्ट्री, हेल्थ डिपार्टमेंट और शिक्षा विभाग आदि अन्य विभाग के कार्य पर प्रभाव पड़ा था। फिर 112 संगठन एक होकर फेडरेशन के बैनर में आए है।