देश के उच्चतम न्यायालय (SC) ने निदेशक (प्रशासन और मानव संसाधन) KPTCL और अन्य बनाम सीपी मुंडिनामणि और अन्य केस में अपने फैसले के आवेदन पर कुछ अहम सफाई देकर अंतरिम फैसला दिया है। आदेश के मुताबिक, सरकारी कर्मी उस सैलरी के अधिकारी है जोक वो अपने रिटायरमेंट से 1 दिन पूर्व लेते थे। इस फैसले को 2 जजों की बेंच ने 11 अप्रैल, 2023 के दिन दिया था।
पीठ ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ की तरफ से 6 सितंबर के दिन सफाई मांगकर किन्ही अलग-अलग एप्लीकेशन के ऊपर एक्शन लेकर अहम निर्देशों को जारी किया गया है।
- तीसरी पार्टी के मामले में तारीख 11/04/2023 का फैसला अपनी तारीख से प्रभावी रहेगा। यानी एक सैलरी की बढ़ोत्तरी को मद्देनजर रखकर पेंशन 01/05/2023 को और इसके बाद मिलेगी। 30/04/2023 से पूर्व के टाइमपीरियड की बढ़ी हुई पेंशन की पेमेंट नही होगी।
- जो लोग रिट पिटीशन दे चुके है तो उन पर उक्त फैसले पर आए निर्देश रिस ज्यूडीकेटा की तरह से कार्य करेंगे। इसके अनुसार, सैलरी में बढ़ोत्तरी लेते हुए पेंशन की पेमेंट करनी होगी।
- अंतिम तरीके से फैला न मिलने पर (ख) के निर्देश लागू नही होंगे। इस तरह के केस में जहां अनुरोध दिया गया है या दिए गए अनुरोध तो अपीलीय कोर्ट द्वार मनोरंजन होता है।
- अगर किसी सेवानिवृत कर्म ने सिविल अपील संख्या 3933/2023 या कोई दूसरी रिट पिटीशन में हस्तक्षेप/अभियोग में किसी एप्लीकेशन को दिया हो और लाभकारी फैसला आया हो तो सैलरी में बढ़ोत्तरी समेत पेंशन बढ़कर उसी माह में दी जाएगी, जिस तारीख में हस्तक्षेप/ अभियोग को लेकर एप्लीकेशन दी गई है।
ये अंतरिम फैसला कोर्ट अगले फैसले से मान्य होगा। यहां पर ये साफ किया गया है कि जोकि भी व्यक्ति पूर्व में बकाए समेत वृद्धि के साथ पेंशन ले चुका हो तो वो A, B और D के निर्देशों से अप्रभावित रहेगा।
4 नवंबर को केस पर विचार होगा
बेंच की तरफ से भविष्य में कोई केस और संशय की रोकथाम को लेकर यह अंतरिम निर्देश जारी हुए है। फैसले में ये नोट है कि निर्णय के विरुद्ध भारत सरकार की तरफ से दाखिल पुनर्विचार पिटीशन लंबित रहेगी। यह केस 4 नवंबर से दुबारा शुरू हो रही हफ्ते से फिर से लिस्टेड करने की तैयारी है।