कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत काम कर रहे हर एक कर्मी को मिनिमम मासिक पेंशन मिलती है। ध्यान दे कि पेंशन फंड के तहत कर्मी के अकाउंट में 12 फीसदी अंशदान कर्मी की सैलरी से कटता है और नियोक्ता की तरफ से भी 12 फीसदी अंशदान होता है। इस तरह से कर्मी की बेसिक सैलरी और नियोक्ता की पूरी रकम को 2 पार्ट्स में डिवाइड करते है। इसमें से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में और 3.67 फीसदी भाग EPS में चला जाता है।
किंतु अब कर्मियों की तरफ से EPS 95 में जमा हुई रकम पर नई मांगे उठ रही है। कर्मी कहते है कि EPS के तहत पेंशन की रकम को 7,500 रुपए/ महीना करनी चाहिए। इस मामले में पेंशनर्स राष्ट्रीय आंदोलन को तैयार है और वे इसी साल 31 जुलाई को दिल्ली में प्रदर्शन कर चुके है। सभी पेंशनर्स एकता के साथ यही डिमांड कर रहे है।
EPF और EPS 95 क्या है?
यहां जानकारी दे दे कि EPF मुख्यरूप से एक रिटायरमेंट में फायदा देने वाली योजना है। इसमें प्रोविडेंड फंड आई तरफ से कर्मियों को पैसे मिलते है। EPS में कर्मियों को उनके अंशदान को भी पेंशन की तरह से देने वाली योजना है। कर्मी की बेसिक सैलरी से कट रही राशि ही पेंशन की तरह मिलती है। अभी कर्मियो को EPS 95 में 1,450 रुपए की एवरेज पेंशन मिल रही है और पेंशनर्स को सिर्फ 1 हजार रुपए की पेंस मिल रही है।
8 सालो से वृद्धि की मांग जारी
बीते दिनों ही देशभर के लगभग 78 लाख पेंशनर्स ने राष्ट्रीय आंदोलन और प्रदर्शन को शुरू कर दिया है। बीते 8 वर्षो से पेंशनर्स की तरफ से ये मांगे की जा रही है। किंतु सरकार ने हर बार इन पर गौर नहीं किया है और अब पेंशनर्स के संगठन EPS 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति ने विरोध-प्रदर्शन का निश्चय कर लिया है।
संगठन के सदस्य कह रहे है कि उनकी मांगे न माने जाने तक समुहित प्रदर्शन जारी रहेगा। कमेटी ऐसे राजनेतिक पार्टियों को सपोर्ट करने का आव्हान करती है जोकि पेंशन के मामले का समाधान करे।
7,500 रुपए पेंशन की मांगे
आंदोलन समिति के सदस्य है है कि अभी की 1,450 रुपए प्रति महीना पेंशन काफी कम है। इस पर बूढ़े दंपति का जिंदगी गुजारना कठिन हो रहा है। महंगाई दर के लगातार बढ़ने पर भी बीते 10 वर्षो में पेंशन की रकम बिलकुल भी नहीं बढ़ी है। इस तह से सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पेंशन बढ़ाने का फैसला लेकर बूढ़े लोगो को कई तरीके की सुविधाएं प्रदान करें। समिति के सचिव वीरेंद्र सिंह पत्रकार वार्ता में कहते है कि सभी पॉलिटिकल पार्टियां पेंशन मानदेय को बढ़ने को सुनिश्चित करें।