India-Pak Tension बढ़ा, Army Chief को मिले Full Military Powers – कभी भी हो सकता है बड़ा एक्शन!

सेना प्रमुख को मिले विशेष अधिकार, अब बिना सरकार की मंजूरी कभी भी टेरिटोरियल आर्मी को किया जा सकेगा एक्टिव क्या शुरू होने वाला है बड़ा सैन्य ऑपरेशन? जानिए पूरी अंदरूनी जानकारी।

By allstaffnews@admin
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India-Pak Tension बढ़ा, Army Chief को मिले Full Military Powers – कभी भी हो सकता है बड़ा एक्शन!
India-Pak Tension बढ़ा, Army Chief को मिले Full Military Powers – कभी भी हो सकता है बड़ा एक्शन!

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला सामने आया है। रक्षा मंत्रालय ने अब टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) को सक्रिय करने का अधिकार सीधे भारतीय सेना प्रमुख (Army Chief) को दे दिया है। यह फैसला टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार अब आर्मी चीफ जरूरत पड़ने पर टेरिटोरियल आर्मी के हर अधिकारी और जवान को तत्काल सेवा में बुला सकते हैं। इस निर्णय के तहत टेरिटोरियल आर्मी के जवान रेगुलर आर्मी के साथ मिलकर काम कर सकेंगे या फिर देश की सुरक्षा से संबंधित आवश्यक ड्यूटीज को निभा सकेंगे।

क्या है टेरिटोरियल आर्मी और क्यों है अहम

टेरिटोरियल आर्मी भारत की ऐसी सैन्य इकाई है जिसमें नागरिक स्वयंसेवक के रूप में शामिल होते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सैन्य सेवा के लिए बुलाया जाता है। इनका प्रशिक्षण नियमित रूप से होता है, जिससे वे राष्ट्रीय आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत एक्टिव हो सकें। अब जब पाकिस्तान (Pakistan) के साथ तनाव अपने चरम पर है, तो टेरिटोरियल आर्मी को सक्रिय करने का अधिकार सेना प्रमुख को सौंपना एक रणनीतिक और सामयिक फैसला माना जा रहा है।

सरकार के सर्कुलर से साफ हुआ अधिकार क्षेत्र

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह अधिकार केंद्र सरकार द्वारा टेरिटोरियल आर्मी रूल 1948 के नियम 33 के तहत दिया गया है। इस प्रावधान के तहत, सेना प्रमुख को यह छूट है कि वे जब चाहें टेरिटोरियल आर्मी के किसी भी अधिकारी या जवान को बुला सकते हैं, बशर्ते कि यह बुलावा राष्ट्रीय सुरक्षा या सेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हो।

किस प्रकार टेरिटोरियल आर्मी देगी रेगुलर आर्मी को सहयोग

टेरिटोरियल आर्मी के जवान ना केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में रेगुलर आर्मी की सहायता करेंगे बल्कि आतंरिक सुरक्षा, प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य संकट के समय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वर्तमान परिदृश्य में, जब पाकिस्तान ने सीमा पर मिसाइल और सुसाइड ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं, टेरिटोरियल आर्मी का सशक्त और सक्षम होना सेना की ऑपरेशनल तैयारियों में बड़ा बदलाव ला सकता है।

देश के विभिन्न इलाकों में होगी तैनाती

फिलहाल टेरिटोरियल आर्मी में कुल 32 इन्फेंट्री बटालियन (Infantry Battalions) हैं, जिनमें से 14 बटालियन को विभिन्न सैन्य कमानों जैसे दक्षिणी कमान, उत्तरी कमान, पश्चिमी कमान, मध्य कमान, पूर्वी कमान, अंडमान निकोबार कमान और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) के अधीन तैनात किया जाएगा। यह तैनाती बजट की उपलब्धता के अनुसार की जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी अन्य मंत्रालय की आवश्यकता के अनुसार टेरिटोरियल आर्मी को तैनात किया जाता है, तो उस मंत्रालय को उसका खर्च वहन करना होगा।

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ऑपरेशन सिंदूर: सीमा पार कर की गई बड़ी कार्रवाई

इस आदेश की टाइमिंग और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हाल ही में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारत के 15 सैन्य ठिकानों को टारगेट कर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिन्हें भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।

भारत की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है सेना

भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से हो रहे सीजफायर उल्लंघनों का मुंहतोड़ जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा। टेरिटोरियल आर्मी को लेकर लिया गया यह फैसला इस प्रतिबद्धता को और मजबूती देता है।

टेरिटोरियल आर्मी को पावर देना क्यों है रणनीतिक रूप से अहम

यह फैसला केवल एक सैन्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि भारत की स्ट्रैटेजिक डिटरेंस क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब देश की सीमाओं पर तनाव चरम पर हो, ऐसे समय में सेना प्रमुख को अतिरिक्त अधिकार देना न केवल युद्ध स्तर की तैयारियों को गति देता है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी है कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है।

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