OROP-3 Pension Table: 01 जुलाई 2024 से प्रभावी, सिपाही से लेकर सूबेदार मेजर, ऑनरेरी लेफ्टिनेंट और कैप्टन तक के लिए लागू

OROP-3 पेंशन योजना 01 जुलाई 2024 से लागू होगी, जिसमें सिपाही से लेकर सूबेदार मेजर और ऑनरेरी कैप्टन तक की पेंशन में वृद्धि की जाएगी। यह योजना भूतपूर्व सैनिकों को समान रैंक और सेवा अवधि पर समान पेंशन देने का उद्देश्य रखती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी।

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OROP-3 Pension Table: 01 जुलाई 2024 से प्रभावी, सिपाही से लेकर सूबेदार मेजर, ऑनरेरी लेफ्टिनेंट और कैप्टन तक के लिए लागू

वन रैंक वन पेंशन (OROP-3) की पेंशन दरें 01 जुलाई 2024 से लागू होने जा रही हैं। यह नया सुधार सिपाही से लेकर सूबेदार मेजर, ऑनरेरी लेफ्टिनेंट और कैप्टन जैसे विभिन्न रैंकों के लिए है। OROP योजना का मूल उद्देश्य समान रैंक और समान सेवा अवधि वाले भूतपूर्व सैनिकों को समान पेंशन देना है। इस तीसरे संस्करण में, पेंशन में वृद्धि की गई है, जो सैनिकों के सेवा वर्षों और रैंक के आधार पर निर्धारित होगी। यह परिवर्तन भूतपूर्व सैनिकों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा और उन्हें महंगाई के प्रभावों से निपटने में सहायता करेगा।

OROP-2 से OROP-3 में क्या अंतर है?

OROP-2 की पेंशन दरें 01 जुलाई 2019 से प्रभावी थीं, जिसमें पेंशन की गणना 2018 की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत पर की गई थी। हालांकि, OROP-2 के दौरान कुछ JCOs (जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर्स) और अन्य रैंकों की पेंशन में कमी दर्ज की गई थी। इसका कारण यह बताया गया था कि JCOs/OR पहले से ही औसत से अधिक पेंशन प्राप्त कर रहे थे। लेकिन OROP-3 में सभी रैंकों की पेंशन में वृद्धि की जा रही है, जिससे सभी को लाभ मिलेगा, चाहे वह सिपाही हो या ऑनरेरी कैप्टन।

OROP-3 पेंशन टेबल की विशेषताएँ

OROP-3 के तहत जारी की गई पेंशन टेबल में सभी रैंकों की पेंशन में बढ़ोतरी को दर्शाया गया है। इसमें सिपाही, नायक, हवलदार, नायब सूबेदार, सूबेदार, सूबेदार मेजर, ऑनरेरी लेफ्टिनेंट, और ऑनरेरी कैप्टन की पेंशन दरों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। टेबल में पहले कॉलम में रैंक, दूसरे में सेवा की न्यूनतम और अधिकतम अवधि, और अन्य कॉलम्स में OROP-1, OROP-2, और OROP-3 के तहत दी जाने वाली पेंशन की राशि शामिल है। महत्वपूर्ण बात यह है कि OROP-3 में पेंशन की राशि में कोई गिरावट नहीं है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी सिपाही ने 17 वर्षों तक सेवा की है, तो OROP-2 के तहत उसकी पेंशन ₹18,807 थी, जो OROP-3 में बढ़कर ₹20,450 हो जाएगी। इस प्रकार, उसकी पेंशन में ₹1,643 प्रति माह की वृद्धि होगी।

OROP-3 पेंशन वृद्धि की गणना

OROP-3 पेंशन टेबल की गणना 2013 को आधार वर्ष मानकर की गई है। इसमें 2023 की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत को ध्यान में रखा गया है। उदाहरण के लिए, यदि सिपाही की सेवा अवधि 17 वर्ष है, तो OROP-2 में उसकी पेंशन ₹18,807 थी, जो अब OROP-3 में बढ़कर ₹20,450 हो गई है, यानी ₹1,643 प्रति माह की वृद्धि दर्ज की गई है।

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OROP-3 में अन्य रैंकों के लिए पेंशन में वृद्धि

OROP-3 में 2019 में ₹18,807 की पेंशन पाने वाले सिपाही की पेंशन 2024 में बढ़कर ₹21,075 हो जाएगी, जिससे पेंशन में ₹2,268 की वृद्धि होगी। नायक की पेंशन 17 वर्षों की सेवा पर ₹2,068 से बढ़कर और 22 वर्षों की सेवा पर ₹2,681 हो जाएगी। इसी तरह, हवलदार की पेंशन में भी वृद्धि की गई है, जिससे उनकी पेंशन ₹1,691 से बढ़ जाएगी।

हवलदार के लिए, 24 वर्षों की सेवा के बाद पेंशन में ₹1,550 की वृद्धि होगी। ऑनरेरी नायब सूबेदार की पेंशन में ₹2,300 प्रति माह की वृद्धि की उम्मीद है। अगर नायब सूबेदार 26 वर्षों की सेवा में ₹2,800 और 28 वर्षों की सेवा में ₹2,375 पेंशन प्राप्त करते हैं, तो OROP-3 में पेंशन और भी बढ़ जाएगी। सूबेदार की पेंशन 28 वर्षों की सेवा पर ₹2,350 और 30 वर्षों की सेवा पर ₹2,025 होगी। सूबेदार मेजर के लिए 30 वर्षों की सेवा पर ₹2,500 और 32 वर्षों की सेवा पर ₹2,700 की पेंशन वृद्धि की जाएगी।

OROP-3 के तहत यह पेंशन वृद्धि भूतपूर्व सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक राहत के रूप में आएगी, जिससे उन्हें अपनी सेवा के बाद के जीवन में अधिक स्थिरता प्राप्त होगी।

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