नई दिल्ली: पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर संसद में जोरदार बहस छिड़ी है। विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों, जैसे दीपेंद्र हुड्डा, धर्मेंद्र यादव, संजय सिंह, ए. राजा, सु. वेंकटेशन और आनंद भदौरिया ने सरकारी कर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए OPS की बहाली की मांग उठाई। इन सांसदों ने सरकार से पूछा कि क्या वह OPS को बहाल करने के पक्ष में नहीं है और यदि नहीं, तो इसके पीछे क्या कारण हैं। हालांकि, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया।
पुरानी पेंशन पर संसद में उठे सवाल
लोकसभा में वित्त मंत्री से पूछे गए सवालों में यह जानने की कोशिश की गई कि क्या राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए कोई समिति बनाई गई है। सांसदों ने जानना चाहा कि इस समिति की वर्तमान स्थिति क्या है और क्या समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसने अपने काम में काफी प्रगति की है, लेकिन अभी तक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
समिति का गठन और इसके उद्देश्य
समिति का मुख्य उद्देश्य यह है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के वर्तमान ढांचे में सुधार की आवश्यकता है या नहीं, और यदि है, तो ऐसे उपायों का सुझाव देना जो सरकारी कर्मचारियों के पेंशनरी लाभों में सुधार कर सकें। समिति का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि यह सुधार आम नागरिकों के बचाव के लिए राजकोषीय विवेक को ध्यान में रखते हुए किया जाए।
OPS बहाली की मांग और राज्य सरकारों की स्थिति
कई राज्यों, जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश, ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS को पुनः लागू किया है। हालांकि, पंजाब सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में अपना अंशदान जारी रखा है। वित्त राज्य मंत्री ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि केंद्र सरकार OPS को बहाल करने के पक्ष में क्यों नहीं है।
कर्मचारियों की बढ़ती मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
सरकारी कर्मचारियों के संगठन समय-समय पर OPS की बहाली की मांग करते रहे हैं। उनकी मांगों को पेंशन प्रणाली की समीक्षा करने वाली समिति के समक्ष रखा गया है। हालांकि, सरकार की ओर से OPS बहाल न करने का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया, जिससे कर्मचारी और उनके संगठनों में असंतोष की भावना बढ़ रही है।
संसद में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर उठ रहे सवालों के बीच, सरकार की अस्पष्ट प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। सरकारी कर्मचारी और उनके संगठन OPS की बहाली के लिए संघर्षरत हैं, जबकि सरकार ने इस पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।