किसी भी निजी क्षेत्र के बैंक कर्मचारी और दूसरी इंडस्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंड फंड (PF) स्कीम अहम रहती है। इस स्कीम में कर्मी को उसके बेसिक वेतन का 12% भाग प्रोविडेंड फंड के रूप में देना पड़ता है जोकि एम्पोलोई प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन (EPFO) की तरफ से ऑपरेट होता है। ऐसे ही कर्मी की कंपनी भी अपनी ओर से 12% का अंशदान देती है। ऐसे 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) और 3.67% कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जाता है।
EPS-95 पेंशनभोगियों में रोष
भारत सरकार की तरफ से 2014 में EPS – 1995 के अंतर्गत 1 हजार रुपए की मिनिमम पेंशन को तय किया था। किंतु अब काफी टाइम से EPS पेंशनभोगी की तरफ से मिनिमम अमाउंट को 7500/ महीना करने की डिमांड हो रही है। इसी को लेकर EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी की तरफ से 31 जुलाई 2024 को जंतर-मंतर (दिल्ली) में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। इसमें मिनिमम EPS पेंशन की रकम को बढ़ाने की डिमांड हुई है।
पेंशनभोगियों की डिमांड
EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी के दावे है कि बीते काफी वर्षो में लगभग 7.8 लाख पेंशनभोगी मिनिमम पेंशन में वृद्धि की डिमांड करने लगे है। कमेटी के अध्यक्ष अशोक राउत का कहना है कि अभी पेंशनभोगी को एवरेज 1,450 रुपए की मासिक पेंशन मिल रही है वही 3.6 मिलियन पेंशनभोगी 1 हजार रुपए से कम में जी रहे है। अब वो उन पॉलिटिकल पार्टियों को सपोर्ट देंगे जोकि उनकी परेशानी को हल करेगी । हम डिमांड पूरी होने तक संघर्ष करेंगे।
इस समय पेंशन की कंडीशन
अभी EPS-95 पेंशनभोगियो को मिल रही पेंशन काफी कम है। कमेटी के मुताबिक, पेंशन फंड में काफी टाइम तक अंशदान देने के बाद रिटायर्ड कर्मी की पेंशन जिंदगी के लिए नाकाफी है। राउत का कहना है कि इस समय की पेंशन की रकम बूढ़े दंपति की जिंदगी के लिए काफी नहीं है। हमको पेंशन में बड़ोत्तरी के सहत ही DA (महंगाई भत्ता) और मुफ्त चिकित्सकीय सुविधा भी चाहिए। ऐसे बूढ़े लोग अपनी जिंदगी के बाकी के दिन इज्जत से बीता पाए।
EPS और EPF का अंतर
ये दोनो ही EPF & EPS और EPF, दोनों ही EPF & Miscellaneous Provisions Act, 1952 के अंतर्गत चलने वाली रिटायरमेंट बेनिफिट योजना है। EPF के अंतर्गत कर्मी और कंपनी से अंशदान होता है वही EPS में कर्मी का अंशदान नही रहता किंतु कंपनी देती है। EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी के लाखो मेंबर्स अब सरकार से पेंशन में बेहतरी की डिमांड करने लगे है।
EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी
EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी का मुख्यालय महाराष्ट्र में है और यहां 78,00,000 रिटायर पेंशनभोगी और औद्योगिक क्षेत्र के 7.5 करोड़ कार्यरत कर्मी जुड़े है। उनका विरोध प्रदर्शन साफ करता है कि पेंशनभोगियों की डिमांड से रोष और असंतोष बढ़ने लगा है। अब सरकार इस ओर गौर नहीं करती है तो ये मामला बड़े लेवल तक जाएगा। पेंशनभोगियों की ये डिमांड उनके जीवनस्तर की बेहतरी में अहम होने के साथ ही सरकार के सामने चुनौती बन रजाई है। इसको हल करने में ठीक टाइम पर सही एक्शन लेने की जरूरत है।