
भारत में गर्मियों की शुरुआत के साथ ही Air Conditioner Side Effects से जुड़े सवाल आम हो जाते हैं। चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग घर, ऑफिस और गाड़ियों में AC का इस्तेमाल बढ़ा देते हैं। AC की ठंडी हवा भले ही सुकून देती हो, लेकिन लगातार या जरूरत से ज्यादा समय तक एसी में रहने से शरीर पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। सेहत पर इन नकारात्मक प्रभावों को जानना बेहद जरूरी है, ताकि आप गर्मी से बचते हुए स्वास्थ्य का भी ख्याल रख सकें।
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लगातार AC में रहने से कैसे बिगड़ता है शरीर का तापमान संतुलन
AC वातावरण में तापमान कृत्रिम रूप से ठंडा रखा जाता है, जिससे शरीर की प्राकृतिक तापमान नियंत्रण प्रणाली प्रभावित होती है। इससे शरीर को अपने तापमान को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। यह असंतुलन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे डिहाइड्रेशन, थकावट, सिरदर्द और श्वसन से जुड़ी परेशानियां।
डिहाइड्रेशन की समस्या AC के कारण क्यों होती है
AC कमरे की हवा से नमी सोख लेता है, जिससे वातावरण में ह्यूमिडिटी का स्तर बहुत कम हो जाता है। इस वजह से त्वचा और शरीर की आंतरिक नमी भी घटने लगती है।
जब शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है, तो बार-बार प्यास लगती है, मुंह सूखता है और थकान महसूस होती है। कई मामलों में लगातार डिहाइड्रेशन से सिरदर्द और चक्कर की भी शिकायत हो सकती है।
उपाय: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हर कुछ घंटे में AC वाले कमरे से बाहर निकलें। कमरे में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करना फायदेमंद रहेगा।
मुंह और गले में सूखापन: AC की सूखी हवा की एक और परेशानी
AC की हवा अत्यंत शुष्क होती है। इससे मुंह और गले में सूखापन महसूस होता है, जिससे जलन या खराश भी हो सकती है।
रातभर AC में सोने वालों को सुबह गले में भारीपन या सूखापन की समस्या होती है। यह खासकर उन लोगों के लिए और भी नुकसानदायक हो सकता है जिन्हें अस्थमा या सांस की अन्य बीमारियां हैं।
उपाय: गुनगुना पानी पीते रहें और कमरे में ह्यूमिडिफायर लगाएं ताकि हवा में नमी बनी रहे।
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सिरदर्द: अत्यधिक ठंडे तापमान का परिणाम
AC का तापमान अगर बहुत कम रखा जाए, तो शरीर का बाहरी तापमान अचानक गिर जाता है। यह स्थिति ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है, जिससे सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में रहने से नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ता है, जिससे मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
उपाय: AC का तापमान 22–24 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखें। जरूरत पड़ने पर समय-समय पर कमरे से बाहर निकलकर प्राकृतिक हवा में समय बिताएं।
थकान और शरीर में सुस्ती: क्यों होती है AC की ठंडी हवा से
जब आप गर्मी से सीधे ठंडे कमरे में प्रवेश करते हैं, तो शरीर को नए तापमान के साथ तालमेल बैठाने में समय लगता है। यह थकावट और सुस्ती की वजह बनता है।
लंबे समय तक AC में बैठने से शरीर की मांसपेशियां भी निष्क्रिय हो जाती हैं। इससे व्यक्ति खुद को लो एनर्जी, आलसी और थका हुआ महसूस करता है।
उपाय: दिन में कम से कम 15–20 मिनट हल्की एक्सरसाइज करें और कुछ समय नेचुरल वेंटिलेशन वाले कमरे में बिताएं।
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लगातार बंद माहौल में रहने से इम्यून सिस्टम पर असर
AC वाले बंद कमरे में हवा का प्रवाह कम होता है। इससे वायरस और बैक्टीरिया आसानी से फैल सकते हैं। ऐसे माहौल में लगातार रहने से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ सकता है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि एसी में ज्यादा समय बिताने वाले लोगों को सामान्य सर्दी-जुकाम भी ज्यादा देर तक परेशान करता है।
उपाय: नियमित रूप से कमरे की सफाई करें, एसी की सर्विसिंग समय पर कराएं और प्राकृतिक हवा के संपर्क में भी रहें।
पर्यावरणीय असर और ऊर्जा खपत
AC का बढ़ता उपयोग न केवल स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण के लिए भी चिंता का विषय है। यह Fossil Fuel आधारित बिजली की खपत को बढ़ाता है, जिससे Greenhouse Gases में इजाफा होता है। ऐसे में Renewable Energy आधारित कूलिंग विकल्पों को बढ़ावा देना जरूरी है।
उपाय: घरों में ऊर्जा दक्ष उपकरणों का इस्तेमाल करें और Solar Energy आधारित कूलिंग सिस्टम पर विचार करें।