
इन दिनों एक नया साइबर अपराध चर्चा में है जिसे Emotional Cyber Fraud कहा जा रहा है। इस तरीके में आम लोगों को कॉल करके एक लड़की रोते-बिलखते हुए बात करती है और खुद को गरीब, लाचार और करियर के मोड़ पर खड़ी बताकर भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करती है। वह पढ़ाई, नौकरी और स्कॉलरशिप जैसी संवेदनशील बातों का हवाला देते हुए ओटीपी (OTP) मांगती है। इस फ्रॉड में कॉल करने वाले वास्तव में किसी पीड़ित लड़की के पीछे छिपे Cyber Criminals की गैंग होती है, जो आम लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर उनके बैंक खातों से रकम उड़ा लेते हैं।
Udaipur पुलिस की चेतावनी, बढ़ती ठगी के तरीके हुए और शातिर
Udaipur पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक साइबर अपराधी बैंक अधिकारी या पुलिस बनकर फ्रॉड करते थे, लेकिन अब वे लोगों की सहानुभूति हथियार बनाकर उन्हें जाल में फंसा रहे हैं। Hiran Magri थाना क्षेत्र के साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल राजकुमार जाखड़ ने कहा कि इस तरह के कॉल्स में कोई भी ओटीपी भूलकर भी नहीं देना चाहिए, चाहे सामने वाला कितना भी लाचार क्यों न लगे।
फर्जी कॉल में कैसे होता है Emotional Cyber Fraud
इस तरह की ठगी का तरीका बेहद चौंकाने वाला और भावनात्मक है। कॉल करने वाली लड़की कहती है कि वह गलती से किसी आवेदन या फॉर्म में मोबाइल नम्बर गलत दर्ज कर बैठी है, जिसके कारण आपके पास ओटीपी आ रहा है। वह कहती है कि यह ओटीपी उसकी नौकरी या स्कॉलरशिप से जुड़ा है और अगर आप इसे न बताएं तो उसका पूरा भविष्य बर्बाद हो जाएगा। कई लोग इस भावुक अपील में आकर ओटीपी शेयर कर देते हैं, जिसके बाद उनका बैंक खाता खाली कर दिया जाता है।
मामले जो कर सकते हैं सावधान
केस 01
सेक्टर-4 निवासी मनन के पास एक कॉल आया। लड़की ने बताया कि उसका सिलेक्शन दिल्ली में फायर ऑफिसर के पद पर हुआ है लेकिन जॉइनिंग में दिक्कत आ रही है क्योंकि गलती से आवेदन फॉर्म में मनन का नम्बर दर्ज हो गया है। उसने गिड़गिड़ाते हुए ओटीपी मांगा, लेकिन युवक ने समझदारी दिखाते हुए कॉल को नजरअंदाज किया और फ्रॉड से बच गया।
केस 02
मल्लातलाई निवासी इमरान को एक रोती हुई लड़की ने कॉल किया और कहा कि स्कॉलरशिप के लिए दिए गए फॉर्म में नम्बर गलती से आपका आ गया है। उसने कहा कि ओटीपी नहीं मिलने पर स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी और आगे की पढ़ाई भी नहीं कर पाएगी। युवक को शक हुआ और उसने तुरंत साइबर सिक्योरिटी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज की।
साइबर ठगी के आंकड़े जो डराते हैं
राजस्थान में Cyber Crime के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सालों में साइबर क्राइम के केसों में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 107 करोड़ रुपये की ठगी के मामले केवल पिछले साल सामने आए हैं। पुलिस ने 2.5 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं और अब तक 18 तरीकों से साइबर फ्रॉड को रिकॉर्ड किया गया है। यह साबित करता है कि साइबर अपराधी लगातार नए तरीके निकाल रहे हैं और आम जनता को इनसे सतर्क रहने की जरूरत है।
AI के इस्तेमाल से बढ़ रही है फर्जी पहचान
साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी ने बताया कि इन कॉल्स में अक्सर लड़के होते हैं जो AI तकनीक से अपनी आवाज बदलकर लड़की की आवाज में बात करते हैं। यह तकनीक इतनी एडवांस हो गई है कि सामने वाले को शक भी नहीं होता। Emotional Cyber Fraud का यह तरीका खासतौर पर उन लोगों को निशाना बनाता है जो भावुक और सहानुभूति से भरे होते हैं।
क्या करें जब आए ऐसा कॉल
पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि कभी भी किसी अनजान नम्बर से आए कॉल पर भावुक होकर कोई व्यक्तिगत जानकारी या ओटीपी शेयर न करें। अगर कोई खुद को किसी इमरजेंसी में बता रहा हो, तो भी पहले उसकी सत्यता की जांच करें। साथ ही तुरंत Cyber Helpline (टोल फ्री नम्बर 1930) पर शिकायत दर्ज करें।
इमोशनल फ्रॉड है नया खतरा
Emotional Cyber Fraud, साइबर अपराधियों का नया हथियार बन गया है। जहां एक ओर डिजिटल इंडिया की बात हो रही है, वहीं आम जनता की जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। अगर हम थोड़ी सी समझदारी और सतर्कता दिखाएं, तो खुद को और अपने पैसों को बचा सकते हैं। भावुकता में आकर की गई एक छोटी सी गलती, बैंक बैलेंस को शून्य कर सकती है।