अपने तीसरे टर्म में मोदी सरकार की कैबिनेट ने पेंशनर्स को लेकर काफी महत्वपूर्ण फैसले देने का काम किया है। एक ओर केंद्र की तरफ से 100 दिन की स्कीम में फैमिली पेंशनर्स की दिक्कतों का समाधान करने का काम होगा। साथ ही CGHS लाभार्थी और पेंशनर्स को भी अच्छी खबर का गिफ्ट दिया जा चुका है। देश के महामहिम राष्ट्रपति की अनुशंसा से केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) और एम्स (पटना) में एक करार हो गया है। यह करार CGHS लाभार्थी को गुडन्यूज देने का काम करेगा।
एम्स पटना के कार्यकारी डायरेक्टर डॉ जीके पाल और CGHS के अतिरिक्त निदेशक डा ठाकुर अभय प्रताप सिंह के बीच कुछ और खास हस्तियों की मौजूदगी में इस करार पर हस्ताक्षर किए। अब आप भी जान लें कि एम्स (पटना) और CGHS में हुए अनुबंध में कौन सी आम सहमति बनी है।
- CGHS लाभार्थी और दूसरे योग्य लाभार्थी एम्स (पटना) में OPD, टेस्ट और इंडोर उपचार को कैशलेश तरीके से करवा पाएंगे। CGHS से लिस्टेड निजी हॉस्पिटल में उनकी वार्ड एलिजिबिलिट के हिसाब से वो एम्स (पटना) में इनडोर उपचार को लेकर योग्य है।
वार्ड | दर |
जनरल वार्ड | 1,500 रुपए |
सेमी-प्राइवेट वार्ड | 3,000 रुपए |
प्राइवेट वार्ड | 4,500 रुपए |
- एम्स (पटना) में उपचार करनवाले को CGHS लाभार्थियों को वैलिड CGHS कार्ड को रखना होगा। इस कार्ड को देखकर ही उनको एंट्री मिलेगी।
- एम्स (पटना) में CGHS लाभार्थी को एक विशेष सहायता डेस्क और खाता प्रणाली तैयार होगी। ये CGHS लाभार्थी इनमे जाकर समुचित मदद पा सकेंगे।
- एम्स (पटना) की तरफ से जो एंप्लांट्स मिलेंगे वो ही CGHS लाभार्थियों को लेने पड़ेंगे। यहां पर उनको अपने हिसाब से खास एंप्लांट्स को लेने का ऑप्शन नहीं मिलेगा।
- एम्स (पटना) में ओपीडी इलाज के समय या डिस्चार्ज हो जाने पर जो भी दवाई चिकित्सक लिखते हो उनको CGHS लाभार्थी अपने आप या अपने परिवार वालो के द्वारा CGHS वेलनेस सेंटर से इनको ले सकते है।
- ओपीडी में इलाज के समय पर पेंशनर्स या लाभार्थी के बिलों की पेमेंट को CGHS के द्वारा किया जायेगा। CGHS के पास एम्स की तरफ से बिल जाएगा और फिर इसकी पेमेंट हो जायेगी।
एम्स (पटना) और CGHS के बीच इस कॉन्ट्रैक्ट को 5 सालो की अवधि के लिए किया गया है। इस करार की 2 कॉपी तैयार हुई है जिसमे से 1 कॉपी को CGHS के पास और दूसरी कॉपी को एम्स रखने वाला है।