कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की तरह से एक खास काम करते जाए हाई कोर्ट जबलपुर में विचाराधीन केसों के 38 मेंबरों की हायर पेंशन शुरू की गई है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद लिया गया है और कर्मियों के पक्ष में निर्णय हुआ था।
हायर पेंशन के लिए लंबा संघर्ष
इन सभी 30 मेंबर्स का बहुत टाइम से उनकी पेंशन के अधिकारों को लेकर संघर्ष चल रहा था। वे EPFO से दी जा रही पेंशन बढ़ोत्तरी की डिमांड को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में लेकर गए थे। उनकी राय में सैलरी के अनुसार उनको हायर पेंशन दी जानी चाहिए थी किंतु EPFO ने इसे नही माना।
EPFO ने कोर्ट के आदेश को माना
हाई कोर्ट ने केस को गंभीर मानकर EPFO को निर्देश दे डाले कि वो इन 38 मेंबर्स को हायर पेंशन का फायदा दें। इस निर्णय के पश्चात EPFO भोपाल की तरफ से अदालत के आदेश का पालन हुआ और कर्मियों को पेंशन में जरूरी वृद्धि मिलने लगी।
हायर पेंशन योजना को जाने
यह ऐसी स्कीम हा जोकि कर्मी को उसकी सैलरी के अनुसार हाई पेंशन देती है। यहां पर कर्मी को अपने EPFO खाते में एक्स्ट्रा अंशदान करने की जरूरत होगी ताकि वो रिटायर होने पर ज्यादा पेंशन ले सके। यह स्कीम कर्मी को उसकी सैलरी के मुताबिक सम्मानजनक पेंशन देती है और उसका लाइफस्टाइल गिरता नही है।
रिटायर कर्मियों को राहत मिलेगी
EPFO के इस निर्णय से वैसे रिटायर कर्मियों को अच्छी खबर मिल रही अहि जोकि उनके जीवनयापन को लेकर पेंशन के ऊपर डिपेंड है। हाई पेंशन मिल जाने से उनकी जिंदगी में इकोनॉमिकल सेफ्टी तय होगी और वो उनके आने वाले कल को लेकर चिंतित नहीं रहेंगे।
भविष्य में हो सकते हैं और भी फैसले
ऐसे निर्णय से यह इशारा मिलता है कि EPFO का प्रयास कर्मियों के आने वाले कल को सुरक्षित करना है। अब भविष्य में दूसरे विचाराधीन केसों में भी ऐसे ही फैसले आने की उम्मीद है जोकि काफी अन्य कर्मियों को हाई पेंशन का फायदा देने वाला होगा। जबलपुर हाईकोर्ट के निर्णय को मानकर EPFO भोपाल की तरफ से 38 पेंशनर्स को हायर पेंशन देना काफी अहम प्रयास है।
ये कर्मियों को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के साथ ही दूसरे रिटायर कर्मियों को भी एक उदाहरण देगा। आने वाले दिनों में इसी प्रकार के दूसरे निर्णय भी हो सटके है जिससे रिटायर कर्मियों के अधिकारों को सुरक्षित करें।