जबलपुर में कई कर्मचारी संगठनों की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में रेलवे, डाक विभाग, भू सर्वेक्षण विभाग, CPWD आदि काफी केंद्रीय संस्थानों के कर्मी भी सम्मिलित हुए। इस बीच कर्मचारियों के नेता एसएन पाठक कहते है कि वो लोग नई पेंशन स्कीम के विरोधी तो थे ही साथ ही सरकार की UPS के भी विरोध में है। हम लोगो को सिर्फ पुरानी पेंशन योजना ही चाहिए। अगर उनकी मांगे न मानी गई तो वो सड़को पर प्रदर्शन करेंगे और इलेक्शन में भी वोट से अपना रोष जाहिर करेंगे।
UPS पेंशन योजना की जानकारी
UPS को विस्तृत रूप में यूनिफाइड पेंशन योजना कहते है। इस सरकारी स्कीम के अंतर्गत कमरी को रिटायर होने पर उसके मिल वेतन का 50% पेंशन की तरफ से मिलता है। यदि कर्मी की सर्विस 10 वर्ष या इससे कम हो तो कर्मी को सेवानिवृति के बाद सर्विस पीरियड के अनुसार न्यूनतम 10,000 रुपए मासिक पेंशन तय मिलेगी। हालांकि पूरा फायदा लेने को सेवानिवृति से पूर्व 25 वर्षो की सेवा अनिवार्य है।
सरकार और कर्मी की तरफ से इन पेंशन स्कीम में अंशदान जाएगा। सरकार की तरफ से UPS में NPS के मुकाबले 4.5% अधिक मतलब 18.5% का अंशदान होगा। फिर भी कर्मियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना की डिमांड जारी है। OPS मतलब पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मियों को रिटायर होने पर एक बार में मोटी रकम मिलती थी।
क्या ओपीएस से अच्छी है यूपीएस?
विशेषज्ञों कहते है कि काफी मामले में UPS योजना को OPS से अच्छी कह सकते है। काफी वक्त से सरकारी कर्मियों के संगठनों की तरफ से OPS बंद किए जाने पर एक तय पेंशन की डिमांड हो रही थी। इसके समाधान में NPS योजना भी थी किंतु कर्मियों के मुताबिक, NPS की रकम कम, नाकाफी और निश्चित नहीं है।
इस तरह से UPS राज्य के कर्मियों को काफी राहत दे सकती है। सरकार को भी UPS लाने पर ज्यादा आर्थिक बोझ सहना होगा। फिर भी सरकार कर्मियों के फायदे में इसको लागू करने में लगी है।