कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की तरफ से कर्मचारियों के लिए शुरू हुई कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को लेकर आने डिमांड सामने आ रही है। प्राइवेट जॉब करने वाले कर्मी अब न्यूनतम पेंशन की डिमांड करने लगे है और इसमें न्यूनतम गारंटेड पेंशन में वृद्धि चाह रहे है। यह सब केंद्र सरकार के बीते दिनों UPS पेंशन योजना के लाने से हुआ है। इसमें मिनिमम गारंटेड पेंशन 10,000 रुपए रखी है।
प्राइवेट जॉब वालो का सरकार को पत्र
चेन्नई EPF पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से बाते दिनों में केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया को चिट्ठी भेजी गई है । इसके अंतर्गत पेनियर्स को मिनिमम मासिक पेंशन बढ़ाकर 9 हजार रुपए और महंगाई भत्ता (DA) देने की बात कही गई है।
संगठन का बल EPS के अंतर्गत लगभर 75 लाख पेंशनभोगियों को सम्मिलित करने पर है। वो सरकारी कर्मियों की लिया शुरू हुए UPS पेंशन से इसकी तुलना करते है जोकि 23 लाख कर्मियों को फायदा दे रही है। साथ ही चेन्नई के एकोसिएशन की तरफ से मिनिमम पेंशन में वृद्धि को लेकर पीएम मोदी को भी अवगत कराने का काम हुआ है।
EPFO के पेंशन में कैलकुलेशन
ईपीएफओ के मेंबर्स जॉब से रिटायर होने पर पेंशन लेने के योग्य होते है। वर्तमान के नियमानुसार, कर्मी और नियोक्ता की तरफ से बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी अंशदान हो रहा है। यहां पर नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से को 2 पार्ट में बांटा गया है जिसमे से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) में और बचा हुआ 3.67 फीसदी EPF के लिए होता है।
15 हजार रुपए पेंशन में मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट
ये गौर करने वाली बात है कि EPS में 8.33 फीसदी के अंशदान को 15 हजार रुपए तक लिमिटेड किया गया है। फिर चाहे कर्मी की सैलरी कितनी भी हो। EPS के दिशानिर्देशों के बदलने पर साल 2014 में EPS अंशदान की लिमिटेड यही तय हुई थी।
केंद्रीय मंत्री के समक्ष मांगे रखी
बीते दिनों में पेंशनर्स के संगठन EPS 95 आंदोलन समिति की तरफ से प्रतिनिधिमंडल की EPFO के शीर्ष अफसर से मीटिंग हुई। इस दौरान उन्होंने मिनिमम महीने की पेंशन को 7,500 रुपए करने पर बल दिया जिसके लिए काफी समय से डिमांड हो रही है। इसी माह के शुरू में केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया की EPS 95 NAC प्रतिनिधियों से मीटिंग हुई थी। उनका आश्वासन था कि सरकार की तरफ से इन डिमांड पर जरूरी एक्शन भी लिए जाएंगे।