देशभर के किसान नागरिकों को केंद्र सरकार की तरफ से एक अच्छी न्यूज मिल रही है। केंद्र में मौजूद मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लोन की लिमिट में वृद्धि करने का सोचा है। केंद्र के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत वित्तीय सेवा विभाग, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) में कर्ज की सीमा में वृद्धि और बटाईदार किसान को आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनीधि) आदि स्कीम की शुरुआत करने में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एक्टिव होकर कार्यरत है।
किसानों को खास मदद देने की पहल
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) स्कीम को सरकार ने ये पक्का करने को लाई है कि सभी किसान नागरिक बैंकिंग सिस्टम से एकल विंडो के माध्यम से टाइम पर और प्रचुर लोन की मदद ले पाए। ये योजना किसान नागरिकों को उनको खेती से जुड़े कामों में मदद को लेकर तैयार हुई है। इसके अंतर्गत कृषि को लेकर कम समय के ऋण की आवश्यकता की पूर्ति होती है। साथ ही फसल काटने के बाद वाले खर्च की फंडिंग और किन फैमिली की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहायता होती है।
RBI की तरफ से घोषणाएं हुई
बीते माह में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से जारी वित्तीय साल के अंसार KCC के द्वारा मिले कृषि एवं इससे जुड़े क्रियाकलापों को लेकर कम समय में संशोधित ब्याज अनुदान स्कीम (MISS) को बढ़ाने की बात कही गई है। परिणामस्वरूप, योग्य किसान नागरिक अब से सस्ती ब्याज दर पर 3 लाख रुपए तक के लोन को ले पाएंगे।
KCC के पूरे मामले को जाने
पिछले दिनों में वित्त सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव एमपी तंगीराला कहते है कि हमारी तरफ से किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट में वृद्धि करने पर चिंतन हो रहा है। इसकी लिमिट को 3 से 4 वर्षो पहले निश्चित किया गया था। यहां जान ले कि साल 1988 में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड नामक योजना की शुरुआत की थी। योजना का मूल उद्देश्य ये तय करना था कि किसान को उसके खेती कार्यकलाप में प्रचुर एवं टाइम से ऋण मिल जाए।
स्कीम में लोन की लिमिट 3 लाख रुपए तय की गई है और KCC अकाउंट में बकाया ऋण 9.81 लाख करोड़ रुपए था। केंद्र सरकार के सपोर्ट से इस कोशिश के अंतर्गत किसान नागरिकों को 2 फीसदी ब्याज की रिहायत के साथ 3 फीसदी त्वरित री-पेमेंट के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसे ब्याज दर कम होकर 4 फीसदी सालाना हो चुकी है।