मध्य प्रदेश की सरकार अपने नागरिकों को हर दिन कोई नई स्कीम का फायदा देती रहती है। प्रदेश सरकार ने अपने कर्मियों और पेंशनभोगियो को अन्य राज्यो जैसे यूपी, हरियाणा और राजस्थान की तरह से ही आयुष्मान योजना जैसी योजना का फायदा देने की घोषणा की है। यह योजना लाभार्थी को 5 लाख से 10 लाख रुपए तक का कैशलैस इलाज घातक रोगों के मामले में देने जा रही है।
कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी
एमपी की प्रदेश सरकार अपने सरकारी कर्मियों और पेंशनर्स को केंद्र की आयुष्मान स्कीम जैसी योजना देने वाली है। इसके अलावा यह भी खबर है कि इसके लाभार्थी कर्मी से अंशदान भी लेंगे और तब ये कर्मी इस बेहतरीन सुविधा का फायदा ले सकेंगे।
स्कीम में ये लाभार्थी होंगे
यह योजना संविदा के कर्मी, रेगुलर अध्यापक, रिटायर कर्मी, नगर सैनिक, प्रदेश की स्वशासी संस्था में काम करने वाले कर्मी, आंगनबाड़ी कर्मी, हेल्पर, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम रोजगार सहायक, पंचायत सचिव, कोटवार और सुपरवाइजर, आशा और उषा कार्यकर्ता आदि को फायदा देगी।
योजना का प्लान
योजना में पारित हुए ड्राफ के मुताबिक, प्रदेश सरकार इस स्कीम का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा स्कीम रखेगी। इस स्कीम का फायदा राज्य के निगम-मंडल सहित प्रदेश के 15 लाख कर्मी, पेंशनभोगी की फैमिली ले सकेंगे। सरकार इस स्कीम के लाभार्थी कर्मी के वेतन से प्रति वर्ष 3,000 रुपए से 15,000 रुपए तक का अंशदान लेने वाली है। इसके अतरिक्त पैसे को सरकार स्वयं देने की तैयारी में है।
योजना में सर्वाधिक बढ़िया बात यह रखी है कि लाभार्थी कर्मी के परिवार को अपना उपचार एकदम नकदरहित तरीके से करने को मिलेगा। नॉर्मल बीमारियों में 5 लाख रुपए और घातक रोगों में 10 लाख रुपए तक मिलेंगे। कर्मी अपने विभाग से रिफंड की रकम भी पा सकेंगे।
योजना में ये सभी फायदे मिलेंगे
वर्तमान समरी में सरकार के कर्मचारी केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (CGHS) में निश्चित मूल्य के अनुसार उपचार के रुपए ले रहे है। सरकार लीवर बदलने में 4 लाख रुपए दे रहे है और बिल लगने पर इसकी पेमेंट हो जाती है। यदि ट्रांसप्लांट में 20 लाख रुपए तक का खर्चा आएगा तो यह सर्विस पेंशनभोगी को भी मिलेगी।
पिछले सरकार ने प्रपोजल बनाया था
केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत स्कीम आ जाएं पर कर्मचारी संगठनों की डिमांड पर कमलनाथ सरकार ने साल 2019 में यह प्रपोजल तैयार किया था। यह स्कीम बीमे की कुछ रकम के थोड़े भाग से लेकर 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के नकदरहित इलाज को देने वाली थी। सरकार ने साल 2022 के फरवरी माह में आदेश दे दिए थे किंतु इसके बाद राज्य में बीजेपी की सरकार सत्ता में आ गई।