केंद्र सरकार की तरफ से देशभर के सीनियर सिटीजन को रेलयात्रा में मिलने वाली छूट को बंद किया गया था। सरकार का यह कदम काफी लोगो को आहत कर गया था। बुगुर्जो को इस प्रकार के धक्के पर सरकार का कहना था कि देश की वित्तीय दशा ठीक नही चल रही है। किंतु इस समय पर देश की वित्तीय स्थिति नॉर्मल होने पर भी यह आदेश बना हुआ है। ऐसे में सीनियर सिटीजन के ऊपर एक बड़ा बोझ बन रहा है।
अब इस मामले को लेकर भारत पेंशनभोगी समाज नामक संगठन ने केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की शुरुआत की है। यह संगठन भारत में केंद्र और राज्य सरकार के 10 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को जोड़े हुए है। इसमें पब्लिक सेक्शन के PSU पेंशनर्स, स्वयात्त निकाय और निगम के पेंशनर भी आते है।
बुजुर्गों का अधिकार छीनना न्यायपूर्ण नहीं
भारत पेंशनभोगी समाज के मुताबिक, पूर्व समय में छूट पर सफर करने वाले सीनियर सिटीजन पर ज्यादा महंगे टिकट का बोझ पड़ रहा है। एक ओर इन लोगो की इनकम का एकमात्र जरिया पेंशन ही है और सरकार द्वारा उनका यह छूट का अधिकार भी छीन लेना न्यायपूर्ण नही है। संगठन के मुताबिक सीनियर सिटीजन के पास लिमिटेड पेंशन रहती है तो छूट की योजना दोबारा जारी होनी चाहिए।
सीनियर सिटीजन पर रेलवे बोझ न डाले
संगठन का कहना है कि वो इंडियन रेलवे के समक्ष आ रही आर्थिक चुनौतियों और वित्तीय संकटों को अच्छे से जानते है। किंतु वो यह बता रहे है कि सीनियर सिटीजन के टिकटों में मिलने वाली 53 फीसदी छूट उनके मामले में एक अहम मदद प्रणाली की तरह थी। ऐसी छूट के बंद होने से इंडियन रेलवे की इनकम बढ़ी है किंतु इस फैसले का असर सर्वाधिक सीनियर सिटीजन पर आया है।
अब रेलवे को अपनी इनकम में वृद्धि करने को कुछ अन्य विकल्पों पर सोचना होगा और इस प्रकार से वरिष्ठ नागरिकों/ पेंशनर्स के अधिकार को नहीं छीनना चाहिए। सही रिसोर्स मैनेजमेंट और एफिशिएंसी को सुधारकर, रेलवे अपने वित्तीय संकटों से बाहर आ सकता है। ऐसे सीनियर सिटीजन की छूट को फिर से बहाली मिल सकती है।
छूट लागू करने पर विचार हो
भारत पेंशनभोगी समाज ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधन देकर लिखा है कि हमारा आपसे अनुरोध है कि आपको सीनियर सिटीजन की रेल यात्रा छूट पर दुबारा सोचना चाहिए। सीनियर सिटिजन को मिलने वाली छूट सिर्फ एक वित्तीय फायदा न होकर देश को दिए योगदान का प्रतिफल था। हमको आशा है कि आपकी तरफ से हमारे अनुरोध पर विचार होगा और सीनियर सिटीजन को रेल यात्रा छूट को लेकर जरूरी एक्शन लेना चाहिए। ऐसे उनकी रिहायती यात्रा का हक सुरक्षित हो जाए।