वन रैंक वन पेंशन (OROP) की दर में होने बदलाव, केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में मुद्दे पर चर्चा होगी

OROP News: वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के तहत पेंशन की दरें हर 5 साल में संशोधित होती हैं। इस योजना से रिटायर सैन्य कर्मियों को समान रैंक और सेवा अवधि के आधार पर एक जैसी पेंशन मिलती है। 2019 में अंतिम संशोधन हुआ, जिसमें 25.13 लाख कर्मियों को लाभ हुआ था।

By allstaffnews@admin
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सैन्य बलों से जुड़ी योजना वन रैंक वन पेंशन के अंतर्गत प्रत्येक 5 सालो में पेंशन की दर बदलती है। इसमें पूर्व समय तक का परिवर्तन जुलाई 2019 में हुआ था। इसको लेकर जुलाई 2019 से जून 2022 तक एरियर के लिए 23,638 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। तब इसके लाभ 30 जून 2019 तक सेवानिवृत हुए सैन्य कर्मियों को मिला था।

पिछली बार 2019 में संशोधन हुआ

केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में वन रैंक वन पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन को फिर से संशोधित करने के प्रपोज पर चिंतन होना है। वन रैंक वन पेंशन स्कीम में इस संशोधन के काम को हर 5 सालो में करते है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मीटिंग में वन रैंक वन पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन की नई दर पर वार्ता की है।

पिछली बार के संशोधन को दिसंबर 2022 में स्वीकृति दी गई थी। इसमें जुलाई 2019 से जून 2022 तक एरियर के रूप में 23,638 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ था। तब 30 जून 2019 तक रिटायर हुए सैन्य कर्मियों को इसका लाभ मिला और इससे लगभग 25.13 लाख सैन्य कर्मियों को फायदा हुआ।

केंद्र सरकार वन रैंक वन पेंशन लाई

वन रैंक वन पेंशन योजना को केंद्र सरकार की तरफ से लाया गया है। इस स्कीम से यह तय होता है कि एक जैसी रैंक और सर्विस के पीरियड के रिटायर सैन्य कर्मियों को एक जैसी पेंशन मिल सके। उनके रिटायरमेंट का साल कुछ भी हो सकता है।

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वन रैंक वन पेंशन की स्कीम से पूर्व तक पेंशन को वेतन आयोग की सिफारिश पर निश्चित करते थे जोकि रिटायरमेंट के वक्त से प्रभावी रहती थी। इस वजह से विभिन्न सालो में रिटायर हो रहे कर्मियों की पेंशन में बहुत फर्क दिखता है। फिर चाहे उनकी रैंक और सर्विस का टाइमपीरियड भी एक जैसा रहा हो।

सैन्य कर्मियों को फायदा होगा

वन रैंक वन पेंशन स्कीम मुख्यतया सैन्य कर्मियों को पेंशन की पेमेंट में ज्यादा न्यायपूर्ण सिस्टम प्रदान कर पाया है। इसके अतिरिक्त इससे रिटायर सैन्य कर्मियों के मनोबलो और उत्थान की वृद्धि करने में मदद हुई है। ये लोग काफी सालो से पैसे की दिक्कत देखते थे।

वन रैंक वन पेंशन की पॉलिसी भारत की सरकार और आर्मी के मामले में काफी अहम उपलब्धि की तरह से है। यह एक लंबे टाइमपीरियड से जारी मामले का समाधान देती है। यह मामला काफी रिटायर सैनिकों की नाराजगी और रोष की वजह बना हुआ था।

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