भारत सरकार की NPS पेंशन योजना में संशोधन करके यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) लाने पर सरकारी कर्मियों में रोष कम नहीं होता दिख रहा है। कई सरकारी कर्मचारी संगठनों की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम मतलब OPS को बहाल करने की डिमांड में विरोध प्रदर्शन हो रहे है। ओल्ड पेंशन की डिमांड पर काफी अरसे से आंदोलनरत कर्मचारी संगठन NMOPS की तरफ से 26 सितंबर के दिन विभिन्न जिले के मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान हुआ है।
UPS से सरकारी कर्मी असंतुष्ट
रविवार के दिन काफी सरकारी कर्मी OPS की डिमांड पर दिल्ली स्थित गांधीजी के समाधि स्थल ‘राजघाट’ पर एकत्रित हुए। NMOPS के राष्ट्रध्यक्ष विजय कुमार बंधु के मुताबिक, दिल्ली की राजघाट में हजार से ज्यादा कर्मी एकत्रित हुए। ये सभी लोग कर्मियों के हितों को सुरक्षित करने की लड़ाई करने में लगे है। अब कर्मी अपने अधिकारों का संघर्ष करने स्वयं सामने आएंगे। NMOPS एक प्रकार का संगठन है जोकि सिर्फ OPS की लड़ाई करने में लगा है। UPS के मामले में सरकारी कर्मी एकदम असंतुष्ट है।
OPS लागू करने की शपथ ली
UPS के गजट को भी नही लाया गया है और भारत सरकार अब तक इसकी विशेषताओं को बताने में लगी है। किंतु ये सभी कर्मियों को पसंद नही आई है। ओल्ड पेंशन सिस्टम में अगर किसी कर्मी की तरफ से अपनी इच्छा से रिटायरमेंट लिया जाता है तो उसको रिटायरमेंट की तारीख से ही पेंशन मिलने लगती थी। किंतु इस समय UPS में 60 साल के बाद पेंशन देने के प्रावधान है। इससे अर्थ है कि किसी कर्मी की तरफ से 45 वर्ष की उम्र में VRS लेने पर उसको 15 वर्षी तक पेंशन लेने की प्रतीक्षा करनी होगी।
महाराष्ट्र में काफी वक्त से OPS “महाराष्ट्र राज्य जुनी पेंशन संघटना” के राज्य सोशल मीडिया प्रमुख विनायक चौथे के अनुसार, OPS का संघर्ष चलता रहने वाला है। इसी कड़ी में 15 सितंबर के दिन शिरडी में “पुरानी पेंशन राज्य महाधिवेशन” का आयोजन किया गया। यहां सभी कर्मियों ने OPS लागू करने की शपथ ली और आयोजन में पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधि भी आमंत्रित हुए। इन लोगो से OPS पर सलाह और पक्ष भी पूछा गया। NMOPS के राष्ट्रध्यक्ष “महाराष्ट्र राज्य जून पेंशन संगठन” के अध्यक्ष वितेश खांडेकर के नेतृत्व में शिरडी में महाधिवेशन हुआ।
जजों को भी कम पेंशन की शिकायत – पटेल
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन योजना भारत के अध्यक्ष डॉ मंजीत पटेल कहते है कि यदि जज अपने मामले में ओल्ड पेंशन की बात करे तो कर्मी भी उनके अधिकार में आवाज बुलंद कर सकते है। 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज ने जजों के लिए कम पेंशन का समाधान करने की बात कही थी। अभी जिले के कोर्ट से सेवानिवृत हुए कुछ न्यायिक अधिकारी सिर्फ 15,000 रुपए की पेंशन ले रहे है।