राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत वंचित तबके के सब्सिडी वाले गेंहू का लाभ काफी सरकारी कर्मियों ने घोटाले से से लिया है। साल 2020 में कांग्रेस की सरकार होने पर 83,679 सरकारी कर्मियों ने वंचित लोगो का गेंहू ले लिया है। इनमे से करीब 16,382 कर्मियों से प्रदेश सरकार अभी भी 5 वर्षो तक वसूली नही कर पाई है।
अब इन सभी को सरकार की तरफ से बकाया रकम न चुकता करने पर कार्यवाही के लिए तैयार रहने का नोटिस जारी हुआ है। खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा की तरफ से जिला रसद अधिकारी को इस वसूली के काम को तेज करने का निर्देश भी गया है। इस मामले में प्रदेश और केंद्र के कर्मचारी संलिप्त है।
67,297 कर्मचारियो से वसूली हुई
मिली खबर के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने अभी तक 67,297 कर्मियों से 82 करोड़ 66 लाख रुपए को वसूल लिया है। ये कर्मी वंचित लाभार्थी का गेंहू भी मात्र 1-2 रुपए/किलो के काफी कम मूल्य पर ले चुके है। वही वसूली में गेंहू के मार्केट रेट 27 रुपए/ किलो के अनुसार हुई है। विभाग करौली और टोंक जिले में सौ फीसदी वसूली कर चुका है। करौली में कुल 2,924 कर्मियों से 4.33 करोड़ और टोंक में 1,175 कर्मियों से 1.40 करोड़ से ज्यादा वसूल हो चुके है। ऐसे ही भरतपुर ग्रामीण और उदयपुर ग्रामीण में पड़ताल करके किसी कर्मी का पता नही चला है।
इन जिलों में वसूली हुई
साथ ही जयपुर सिटी, राजसमंद, पाली, बीकानेर, कोटा ग्रामीण, जालोर, घौलपुर और अजमेर के कर्मियों से वसूली का काम चल रहा है। जयपुर सिटी में 314, राजसमंद में 733, पाली में 861, बीकानेर में 494, कोटा ग्रामीण में 590, जालोर में 971, घौलपुर में 776 और अजमेर ग्रामीण/ सिटी में 909/ 960 कर्मी से वसूली हुई है।
इससे पहले NFSA के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों की तरफ से गेंहू उठाए जाने पर कंप्लेंट मिलने पर साल 2020 में जिला रसद के अफसरों के द्वारा पड़ताल हुई थी। पड़ताल पूरी होने पर काफी कर्मियों के नाम इस मामले में प्रकाश में आए और उनके द्वारा उठाए गेंहू को मार्केट के रेट पर वसूली करने के निर्देश आए। स्कीम में आधार को जोड़ने से इस घोटाले को पकड़ा जा सका।
1 नवंबर से इनका राशन बंद होगा
अब सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार से निर्देश मिलने पर प्रदेश की खाद्य सुरक्षा स्कीम में पारदर्शिता तय करने को अहम काम हुआ है। नई उपाय में ट्रैक्टर और निजी व्यवसाई गाड़ियों के अलावा फॉर व्हीलर मालिक और इनकम टैक्स देने वालो को खाद्य सुरक्षा की लिस्ट से हटाया जाएगा। अब स्कीम के हर एक लाभार्थी को ई-केवाईसी को पूर्ण करना होगा और इसमें असफल होने पर 1 नवंबर से गेंहू का राशन नहीं मिलेगा।