सरकारी कर्मचारी पर FIR करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब से आसान नहीं होगा केस करना

Supreme Court Cases: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले शासन से अनुमति लेना अनिवार्य किया है। यह निर्णय निचले कोर्ट में बिना अनुमति के दर्ज होने वाले 156/3 के तहत मामलों को कम करेगा, जिससे सरकारी कर्मियों पर बेवजह दबाव नहीं डाला जा सकेगा।

By allstaffnews@admin
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सरकारी कर्मियों पर FIR दर्ज करके बेवजह दबाव डालने वाले लोगो पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक्शन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस पिटीशन पर अहम निर्णय में FIR से पूर्व शासन से परमिशन लेने को जरूरी किया है। इस फैसले से सरकार के कर्मियों के विरुद्ध निचले कोर्ट से में 156/3 के अंतर्गत केस कम दर्ज होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने DM-SSP को निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से डीएम और SSP को पत्र के द्वारा ये निर्देश जारी हुए है। SSP अखिलेश चौरसिया का कहना है कि इस निर्णय की कॉपी मिलने पर अमल होगा। कर्नाटक के पुलिस कर्मी डीटी बैस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन डाली गई थी। इसमें सेक्शन 324, 341, 114,149, 504, 509 के अंतर्गत न्याय की मांग हुई थी।

ज्यादातर केस दबाव डालने को हुए

जस्टिस अनिल आर दबे और जस्टिस कुरियर जोसेफ की डिविजन के अहम निर्णय में साफ कहा गया है कि अधिकाश केस में किसी खास इंसान से अपनी रंजिश होने पर सरकारी कर्मी को दबाव में लाने को लेकर जिला कोर्ट में 156/3 के अंतर्गत FIR के आदेश से केस दायर करते है। केस दायर हो जाने पर सरकारी कर्मचारी दबाव अनुभव करने के कारण समझौता कर लेते है।

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अब शासन की अनुमति जरूरी होगी

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कहता है कि निचले कोर्ट में किसी सरकारी कर्मी के विरुद्ध केस डाले जाने को पिटीशन करते है तब अभियोजन पक्ष को जिम्मेदारी अपनानी पड़ेगी। उनको IPC के सेक्शन 197 के अंतर्गत उस कर्मी के विरुद्ध में केस करने में शासन से परमिशन लेनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस निर्णय की कॉपी को भी डीएम और SSP को भी भेज दिया है। ध्यान रखे कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय पुलिस कर्मचारियों को काफी ज्यादा राहत देगा।

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