हिमाचल प्रदेश में पहला अवसर है जब 2 लाख कर्मचारी और 1.5 लाख पेंशनभोगियों को पहली तारीख को वेतन और पेंशन नहीं मिल सकेगी। यह घटना प्रदेश की वर्तमान आर्थिक दशा की वजह से हुई है। यह खबर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर विपरीत असर जरूर डालेगी। सैलरी-पेंशन पर सरकार का ऑफिसियल बयान नही आया है किंतु वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, हर महीने में कर्जा लेकर सैलरी-वेतन देने की प्रथा को स्थगित करने में यह कदम लिया है।
हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ
इस समय की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के ऊपर करीब 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। यह आर्थिक बोझ प्रदेश की वित्तीय दशा को काफी कमजोर किए हुए है। अब प्रदेश सरकार पुराने कर्जों को देने में नए कर्ज को लेने लगी है। प्रदेश की सरकार पर कर्मचारी और पेंशनभोगियों के 10,000 करोड़ रुपए की देनदारी रहती है।
नागरिकों को अब भी वेतन-पेंशन नही मिलने के हालात है। अभी प्रदेश सरकार का 40% बजट तो वेतन एवं पेंशन देने में लग रहा है और करीब 20% कर्जे-ब्याज आदि पर खर्च हो रहा है।
विधायको से वेतन-भत्ते छोड़ने की अपील
हिमाचल के सीएम सुखविंद सिंह सुक्खू ने हाल में ही घोषणा की है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव, बोर्ड निगम के चेयरमैन आदि 2 माह तक सैलरी-भत्ते नही लेने वाले है। सीएम ने अपने विधायकों से अपील की है कि प्रयास करके 2 माह तक एडजस्टमेंट करे, अभी सैलरी-भत्ते न ले और आगे देख लेना।
कर्मचारियों को लोन की किस्त देनी है
हिमाचल में कर्मचारी संगठन के प्रमुख सरकार से अपील कर रहे है कि वक्त पर वेतन मुहैया करवाए। 2 तारीख में भी सैलरी न आने पर कर्मचारियों में बैंक की किस्त और दूसरे खर्च की चिंता आ रही है। काफी कर्मचारी बैंक से कई टाइप के लोन ले चुके है जिसकी किस्त 2 से 5 तारीख में रहती है। अब हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान कहते है कि कर्मियों की सैलरी का मामला सीएम के समक्ष रखेंगे।
सैलरी-पेंशन और भत्ते का महीने का खर्च 2,200 करोड़
हिमाचल में सैलरी और पेंशन से जुड़े खर्च में हर साल 25,000 करोड़ रुपए का खर्चा हो रहा है। इसमें से हर माह में करीब 2 हजार से 2200 करोड़ रुपए सैलरी, पेंशन एवं दूसरे भत्ते पर खर्च होते है। कर्जे के मूलधन और ब्याज में ही 10,000 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होते है। कुल बजट का 40% से कम का हिस्सा विकास के कामों में लग रहा है। प्रदेश सरकार अपने सभी सोर्स से 18,739.39 करोड़ रुपए इनकम करने की तैयारी में है।