सेवानिवृत्ति उपदान (Gratuity)
ग्रेच्युटी को हिंदी में सेवानिवृत उपदान कहते है जोकि 2 टाइप का होता है – सेवानिवृति उपदान और डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (DCRG)।
अब ग्रेच्युटी एक्ट 1972 को बदलकर ग्रेच्युटी एक्ट 2021 किया जा चुका है। किसी कर्मचारी या इसके नॉमिनी को उसके रिटायरमेंट या मेडिकली योग्य न पाए जाएं की दशा में एक बार में पेमेंट हो जाती है।
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का तरीका (Gratuity Calculation)
जो भी कर्मी 5 सालो की तय सर्विस को पूर्ण कर लेता हो तो वो सेवानिवृति उपदान (Gratuity) पाने का अधिकारी होगा। इस ग्रेच्युटी को कर्मी की सर्विस और उसे मिले अंतिम वेतन के अनुसार तय करेंगे। इसका कैलकुलेशन टोटल सर्विस की हर एक 6 महीने के टाइमपीरियड की परिलब्धियो की 25% दर पर होगी। यह मैक्सिमम परिलब्धियो की 16.5 गुना की कंचन पर होगी। कुल रकम 20 लाख से ज्यादा नहीं होगी, कर्मी को मिले आवास को न छोड़ने पर, पूरी ग्रेच्युटी की रकम की पेमेंट रुकेगी।
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला
ग्रेच्युटी का फॉर्मूला : (बेसिक सैलरी + DA) x अर्हक सर्विस/2,
जैसे – अगर कोई कर्मी 33 साल की अर्हक सर्विस को पूर्ण करके रिटायर होता हो और वेतनमान 9,300-34,800 रुपए में उसकी बेसिक सैलरी 46,200 रुपए मिले, इस समय महंगाई भत्ता (DA) 50 फीसदी की दर 23,100 रुपए होने पर रिटायरमेंट ग्रेच्युटी,
(46,200 + 23,100) x 11,43,450 मतलब 69,300 x 16.5 = 11,43,350 रुपए।
अब आशा है कि आपको ग्रेच्युटी क्या है, इसकी गणना करना आदि की जानकारी समझ आ गई होगी।
भविष्य निधि (GPF)
कर्मी के रिटायर होने पर यह ब्याज के साथ मिल जाता है। चूंकि इस रकम में खुद कर्मी का अंशदान लिया गया होता है। कर्मी के निधन होने की दशा में सर्विस खत्म होने पर पेमेंट में देरी से बचाव को नामांकन कर सकते है और भविष्य निधि (GPF) पाने में एक या ज्यादा लोगो के नाम दे सकते है। एक से अधिक लोगो के नाम डालने की दशा में इनके पेमेंट के प्रतिशत को देना होगा।
छुट्टी का नकदीकरण (Leave Encashment)
ये रिटरमेंट या देहांत होने पर यूज नहीं हुई छुट्टियों को एकमुश्त पेमेंट करने की सुविधा है। इसको मैक्सिमम 300 दिन की छुट्टियों तक लिमिटेड किया गया है। 300 दिन की छुट्टियों में कमी हो जाने पर छुट्टियों का नकदीकरण को लेकर, कमी की पूर्ति करने को कर्मी के अकाउंट में जमा आधी छुट्टियों को लेते है। इसके अनुसार, छुट्टियों में कमी को लेकर आधी सैलरी के बराबर रकम देते है।
छुट्टी का नकदीकरण का फार्मूला
(बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता)/ 30 x छुट्टियों के दिन की संख्या।
जैसे – अगर किसी कर्मी का रिटायरमेंट होता है जोकि वेतनमान 9300-34800 रुपए में बेसिक सैलरी 46,200 रुपए हो। महंगाई भत्ता 50 फीसदी के हिसाब से 21,252 रुपए हो और कर्मी के अकाउंट में 300 दिनों की औ.वे.छू. हो तब रकम की कैलकुलेशन,
46,200 + 23,100/30 x 300 = 6,93,000 रुपए।