
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (Mukhyamantri Abhyudaya Yojana) उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को मुफ्त कोचिंग (Free Coaching) की सुविधा प्रदान करना है ताकि वे सरकारी नौकरियों और प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। सहारनपुर जिले में यह योजना खासतौर पर लोकप्रिय हो रही है, और लखनऊ के बाद यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां ऑनलाइन कोचिंग (Online Coaching) की सुविधा भी दी जा रही है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त तैयारी का सुनहरा अवसर
इस योजना के तहत छात्र UPSC, UPPCS, NEET, NDA, IIT-JEE, CDS जैसी कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। खास बात यह है कि यह पूरी कोचिंग नि:शुल्क (Free) दी जाती है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है, जहां वे बिना किसी फीस के उन परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं जिनके लिए निजी संस्थानों में मोटी फीस ली जाती है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध
सहारनपुर जिले में छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। खासकर जो छात्र किसी कारणवश क्लास अटेंड नहीं कर सकते या घर से बाहर नहीं निकल सकते, उनके लिए ऑनलाइन क्लासेज़ बहुत फायदेमंद साबित हो रही हैं। इसके लिए विशेष डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया गया है।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता दस्तावेज़
इस योजना के अंतर्गत कोचिंग प्राप्त करने के लिए छात्रों को आवेदन करना होता है। आवेदन करते समय छात्रों को अपनी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट के साथ आधार कार्ड (Aadhaar Card) लगाना अनिवार्य है। चयन प्रक्रिया के तहत एक लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमें सफल छात्र योजना के अंतर्गत नामांकित किए जाते हैं।
लगातार बढ़ रही छात्रों की रुचि
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार योजना के प्रति छात्रों का रुझान काफी बढ़ा है। जहां पहले 175 छात्रों ने योजना का लाभ उठाया था, वहीं इस वर्ष अब तक 200 से अधिक छात्र आवेदन कर चुके हैं और आवेदन की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। इससे स्पष्ट है कि योजना छात्रों की जरूरतों को पूरा कर रही है और उन तक अपनी पहुँच बना रही है।
दो स्थानों पर मिल रही सुविधा
सहारनपुर जिले में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत दो केंद्रों पर कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ये केंद्र जिले के अलग-अलग स्थानों पर हैं, ताकि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें। इससे ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों के छात्रों को कोचिंग के लिए समान अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
किताबें और अन्य शैक्षणिक सामग्री भी निशुल्क
जिला समन्वयक अजय सैनी के अनुसार योजना में न केवल कोचिंग दी जाती है, बल्कि छात्रों को आवश्यक किताबें और अध्ययन सामग्री भी मुफ्त में प्रदान की जाती है। इससे छात्रों को तैयारी के लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है।
अब तक 38 छात्र हुए चयनित
अभ्युदय योजना के तहत सहारनपुर से अब तक 38 छात्रों का विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन हो चुका है। यह आंकड़ा बताता है कि योजना सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि सफलता भी दिला रही है। जिला प्रशासन और कोचिंग के शिक्षकों की मदद से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन मिल रहा है।
महिलाओं और लड़कियों के लिए वरदान
महाराज सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल अनिल कुमार का मानना है कि यह योजना खासकर उन महिलाओं और लड़कियों के लिए बेहद फायदेमंद है जिन्हें पारिवारिक या सामाजिक कारणों से बाहर भेजना संभव नहीं होता। वे घर बैठे ही ऑनलाइन क्लास के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकती हैं।