OROP के अंतर्गत प्रत्येक 5 वर्ष में पेंशन बढ़ती है। पीएम मोदी के कार्यकाल में 1 जुलाई 2014 को प्रथम बार OROP को लागू हुई और फिर जुलाई 2019 में संशोधन हुआ। वैसे कोर्ट में केस होने की वजह से इसके मिलने में देरी हुई। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से साल 2023 में इसे देने के ऑर्डर हुई और इसके लाभ को 1 जुलाई 2019 से एरियर की तरफ से देने की गाइडलाइन मिली। 30 जून 2019 तक सेवानिवृत हुए सैन्य कर्मियों को इसके लाभ मिले थे। कई पेंशनर्स को OROP -3 मिलने का इंतजार है।
OROP- 2 आने में देरी की वजह
OROP में दूसरा संशोधन 1 जुलाई 2019 में हुआ किंतु सुप्रीम कोर्ट में सैन्य पेंशनर्स द्वारा पिटीशन दायर हुई। इस पर विचार हो रही थी। सैन्य कर्मियों के मुताबिक सरकार की OROP में लाभ नहीं है और सीट एक इंक्रीमेंट बढ़ेगा जोकि असली OROP नही है। इसको लेकर अदालत से 2023 में फैसला आया।
सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया
सुप्रीम कोर्ट के फैसला था कि केंद्र सरकार की OROP एकदम ठीक है और इसमें असली-नकली की बात नही है। सैन्य कर्मियों ने भी फैसला स्वीकारा और उनको OROP 1 और OROP 2 के लाभ मिले चुके है। बस अब OROP 3 के मिलने का इंतजार है।
भाजपा लाई है OROP की पॉलिसी
साल 2014 में सरकार वन रैंक वन पेंशन पॉलिसी लेकर आई। इससे बराबर रैंक और समान सर्विस के सालो में सेवानिवृत सैन्य कर्मियों को एक जैसी पेंशन मिलेगी। उनका रिटरमेंट कभी भी हो सकता है। पुराने नियमानुसार, विभिन्न सालो में रिटायर हुए कर्मचारियों को काफी अलग पेंशन मिल रही थी। OROP की वजह से ये भेदभाव समाप्त हुआ है।
पूर्व सैन्य कर्मियों का फायदा होगा
OROP से भूतपूर्व सैन्य कर्मियों को न्यायपूर्ण पेंशन मिलने लगी है। ऐसे उनका मनोबल भी बढ़ा है और पहले पैसों की दिक्कत रहने पर अब बहुत लाभ हुआ है। OROP नीति आर्मी की बड़ी उपलब्धि है और इसने काफी वक्त से चल रहे मामले का समाधान दिया है। इसको लेकर काफी रिटायर सैनिकों में रोष और क्रोध रहा है।
अगस्त के आखिर तक OROP-3 टेबल
वैसे OROP 3 के लाभ को 1 जुलाई 2024 से दिया जाना था किंतु अब तक भी इसके फायदे नही मिले है। मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद DESW से OROP 3 की टेबल 90 फीसदी तक बन गई है। यह टेबल अगस्त के आखिर तक आ सकती है। टेबल के इस माह के आखिर में आने पर सितंबर माह में पेमेंट पक्की है और 2 माह का एरियर भी मिल जायेगा।