कांग्रेस पार्टी के नेता टीकाराम जूली की तरफ से राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को चिट्ठी लिखकर मीटिंग की मांग की गई है। उन्होंने चिट्ठी के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान राज्य के बूढ़े, विधवा, अकेली महिला और दिव्यांग नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की तरफ लाने का प्रयास किया है। नेता प्रतिपक्ष के दावे है कि बीते कुछ माह से काफी नागरिकों को इस सामाजिक सुरक्षा पेंशन का फायदा नहीं मिल पा रहा है। अब उनका जीवन दिक्कत में आ रहा है।
पेंशन योजना के 90 लाख लाभार्थी
कांग्रेसी नेता के पत्र में कहा गया है कि साल 2013 के तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत की तरफ से राज्य के हर वर्ग के नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देय से सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्कीम की शुरुआत हुई थी। उस समय पर इस योजना में 500 रुपए की पेंशन मिल रही थी। किंतु साल 2014 से 2018 के दौरान उस वक्त की सरकार की तरफ से पेंशन की रकम में वृद्धि नहीं हुई है।
इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने साल 2019 में पेंशन की रकम को 750 रुपए/ माह कर दिया। साल 2023 में पेंशन में 15 फीसदी वृद्धि करके 1 हजार रुपए/ महीना कर दी गई। अभी इस पेंशन स्कीम के 90 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी है।
लाभार्थियों के लिए आय का सोर्स – जुली
नेता प्रतिपक्ष जुली कहते है कि ये सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्कीम इन पिछले तबके के नागरिकों की संजीवनी जैसी है। काफी सारे लोगो के लिए ये पेंशन ही इनकम का सोर्स है। उनके पास ऐसे काफी पेंशनर्स आ चुके है जोकि बीते माह से पेंशन न आने समस्या कह रहे है। इस वजह से उनको आजीविका में दिक्कत होने लगी है।
प्रतिवर्ष पेंशन में 15 फीसदी की वृद्धि
जुली और कहते है कि इस बात पर गौर करें कि उनके सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री होने पर पुरानी कांग्रेसी सरकार ने साल 2023 में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी कानून को तैयार किया था। इस कानून में प्रत्येक बूढ़े, दिव्यांग, विधवा और अकेली महिला को मिनिमम 1 हजार रुपए की पेंशन हर महीने (15 फीसदी सालाना वृद्धि के साथ) देने के प्रावधान है। इस तरह से ये सभी पेंशनर्स कानूनन प्रतिमाह में पेंशन लेने के अधिकारी है।
मुख्यमंत्री से पेंशन तय करने का अनुरोध
जुली राज्य के मुख्यमंत्री से आग्रह करते है कि इस समय पर पेंशनर्स को उनकी रकम नहीं मिल रही है। अतः उनका अनुरोध है कि इससे जुड़े विभागो को निर्देश देकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करना सुनिश्चित करें। ऐसे वो इन जरूरतमंद लोगों की आवश्यता पर गौर करके इसको प्राथमिकता दे।