केंद्रीय कर्मियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का फायदा तो अगले साल की पहली अप्रैल से मिलेगा किंतु इसको पहले भी लागू कर सकते है। फेस्टिवल सीजन के समय इसी साल 15 अक्टूबर में सरकार की तरफ से UPS पर नोटिस आ सकता है। नई पेंशन योजना को सरकार ने अपनी बड़ी प्राथमिकताओं में जगह दी है और इसको आखिरी रूप देने का काम जारी है। इससे लाखो कर्मियों को फायदा होगा।
यूनिफाइड पेंशन योजना पर मीटिंग जारी
एक खबर के अनुसार, केंद्रीय सचिव टीवी सोमनाथन की UPS पेंशन को लेकर कई मंत्रालयों और विभागों से मीटिंग हो रही है ताकि नई पेंशन योजना को सरलता से रूप दे सके। वित्त सचिव रहकर ही सोननाथन ने उसी कमेटी के अध्यक्षता की जोकि नेशनल पेंशन स्कीम की समीक्षा पर जिम्मेदार थी। सोमनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार ही सरकार की तरफ से UPS को लाने पर निर्णय हुआ है।
UPS पेंशन की विशेषताएं
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के अंतर्गत केंद्रीय कर्मी के रिटायर होने से पूर्व के 12 माह के मूल वेतन + DA के एवरेज को भी निश्चित पेंशन की तरफ से दिया जाना है। UPS में कर्मी को भी अपने पेंशन फंड में अंशदान देने की जरूरत होगी। कर्मियों के मूल वेतन और DA के 10% को इस फंड में जमा करेंगे जैस कि NPS में होता रहा। सरकार भी इस फंड में अपनी ओर से 18.5% का अंशदान देने वाली है जोकि NPS में 14% देती थी। मतलब सरकार पाने अंशदान में वृद्धि करेगी।
UPS में न्यूनतम 25 सालो की सेवा होने पर निश्चित फार्मूले के अंतर्गत सरकारी कर्मी को तय पेंशन का अधिकार होगा। यह नई पेंशन योजना लगभग 23 लाख सरकारी कर्मियों को लाभ देने वाली होगी। UPS की बड़ी विशेषता है कि रिटायर होने पर कर्मियों को तय पेंशन मिल सकेगी जोकि NPS में नहीं थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने UPS स्वीकार की
पीएम नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष रहते 24 अगस्त 2024 के दिन एक केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में नई पेंशन योजना को स्वीकृति दी गई। इसमें सरकारी कर्मी के लिए UPS पेंशन योजना लॉन्च करने पर निर्णय हो गया।