अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार काफी ऐसे फैसले ले चुकी है जोकि चौकाते है। ऐसे ही एक फैसला है – नई पेंशन योजना यानी UPS। काफी समय से कर्मचारी संगठनों एवं विरोधी पार्टियां पुरानी पेंशन योजना (OPS) लाने की मांगे रख रही थी। इस समय में रिटायरमेंट के बाद नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का फायदा मिलता है जोकि जनवरी 2004 से शुरू हुई है।
UPS में तय पेंशन मिलेगी
UPS में रिटायर होने पर कर्मी को तय पेंशन मिलती है वही NPS में ऐसा नहीं था। NPS में कर्मी के वेतन से 10 फीसदी प्रत्येक माह में जमा होता है। इसमें सरकार का अंशदान 14 फीसदी के रहता था जोकि शेयर बाजार में निवेश हो जाती थी। रिटायर होने पर पेंशन को कर्मचारी एकमुश्त पा लेता था किंतु UPS में प्रत्येक माह में तय पेंशन के प्रावधान है। यहां सरकार का अंशदान भी बढ़कर 18.5 फीसदी हो गया है। कर्मी के देहांत पर फैमिली को उसकी पेंशन का 60 फीसदी प्रति माह में मिलेंगे।
MSP पर लीगल गारंटी की मांग
ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग के बीच में सरकार UPS की घोषणा कर चुकी है। इसके बाद किसानों को MSP पर लीगल गारंटी का भी प्रश्न उठने लगा है। MSP आने वाले समय में सरकार के लिए मुश्किल मुद्दा बन सकता है। फसल पर न्यूनतम मूल्य यानी MSP की मांगों को लेकर किसान काफी बार आंदोलन कर चुके है।
MSP पर किसान काफी सारे फॉर्मूले लेकर आ चुकी है किंतु किसान MPS की मांग पर ही अड़े है। इन बात को लेकर किसान साल की शुरुआत में दिल्ली पहुंचे और वो अभी भी शंभू बॉर्डर पर मौजूद है।
क्या अग्निवीर में कुछ परिवर्तन होंगे
साल 20022 के जून महीने में देश की तीनों सेनाओं में ज्वाइन होने के लिए 4 सालो की अग्निवीर योजना को लाया गया हटा। इस स्कीम में 17.5 साल से 21 साल की उम्र के उम्मीदवार आवेदन कर सकते है। यह स्कीम भी आने के दिन से विवादो से घिरी हुई है। इस स्कीम के विरोध में बड़ा कारण यह है कि इस 4 सालो के बाद 75 फीसदी अग्निवीर रिटायर हो जायेंगे। इसको पेंशन की गारंटी भी नही मिल रही है।
चुनावो के बाद सरकार ने कुछ बदलाव किए थे जिसमे अग्निवीरों को BSF, CRPF और CISF आदि बलो में 10 फीसदी रिजर्वेशन देने के प्रावधान किए थे। काफी प्रदेशों की सरकार अग्निवीर को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने को कह चुकी है। हालांकि पूछे जाने पर भारी संख्या में लोग अग्निवीर योजना को सही भी ठहरा रहे है